ABC NEWS: मार्च का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च यानी आज है. शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की महा कृपा पाने का दिन है, जो प्रदोष शुक्रवार के दिन आता है उसे शुक्र प्रदोष कहते हैं. शुक्र प्रदोष व्रत करके कोई भी भक्त अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है. हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है.
शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को शुक्र प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. इस बार फाल्गुन मास की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च को यानी सुबह 4 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है और तिथि का समापन 23 मार्च यानी कल सुबह 7 बजकर 17 मिनट पर होगा. शुक्र प्रदोष व्रत के पूजन का मुहूर्त आज शाम 6 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
प्रदोष व्रत पूजन विधि
शुक्र प्रदोष व्रत करने के लिए त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्नान करने के बाद साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें और शुक्र प्रदोष व्रत का संकल्प लें. उसके बाद बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है, इसलिए निराहार रहें और केवल जल का सेवन करें. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से थोड़ी देर पहले दोबारा से स्नान करें.
शाम के समय प्रदोष काल में उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. उसके बाद भगवान शिव को जल से स्न्नान कराकर रोली, मोली, चावल, धूप, दीप से पूजा करें. भगवान शिव को चावल की खीर और फल अर्पण करें. आखिरी में ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें.
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या ना करें
ऐसे माना जाता है कि प्रदोष व्रत की पूजा में कभी भी काले रंग के वस्त्र धारण करके ना बैठें. इसके अलावा, अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें कि इस दिन किसी भी तरह का गलत काम ना करें. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. नारियल चढ़ाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि शिवजी को नारियल चढ़ाना शुभ होता है. लेकिन उन्हें नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव की पूजा के दिन आप हरे, लाल, सफेद, केसरिया या पीले के वस्त्र पहन सकते हैं.
शुक्र प्रदोष व्रत उपाय
शुक्र के कारण आपके दाम्पत्य जीवन मे खटास आ गयी है तो 11 लाल गुलाब के फूलों को गुलाबी धागे में पिरोए और पति पत्नी मिलकर शाम के समय भगवान शिव को नमः शिवाय 27 बार बोलकर अर्पण करें ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी. जिस किसी को भी शुक्र से संबंधित कोई रोग हो जैसे नेत्र रोग/चेहरे के रोग आदि की बीमारियां हो तो वह सफेद चंदन में गंगाजल मिलाकर इसका लेप शुक्र प्रदोष के दिन शाम के समय शिवलिंग पर करें.