ABC News: देहदान और अंगदान के मामले मे मिसाल कायम करने वाले कानपुर के लोग अब यूपी के पहले स्किन बैंक को लेकर किसी से पीछे छूटते नहीं दिखाई दे रहे हैं. इसका पता इसी बात से चलता है कि अभी तक कानपुर में स्किन बैंक की स्थापना भी नहीं हुई है और करीब सौ लोग अपनी त्वचा का दान करने के लिए मन भी बना चुके हैं. बहुत जल्द ही वह अपनी त्वचा का दान करने की शपथ भी लेंगे.
इन सबके बीच दहीचि जयंती से एक दिन पहले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें स्किन बैंक की महत्ता के बारे में बताया गया. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में खुलने वाले प्रदेश के पहले स्किन बैंक को लेकर यहां के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि इसका नामकरण मनोज सेंगर और माधवी सेंगर के नाम पर होगा. गौरतलब हो कि सेंगर दंपती ही कानपुर में युग दधीच देहदान अभियान नाम से जो प्रकल्प चला रहे हैं, उसमें अब तक करीब ढाई सौ पार्थिव शरीरों को प्रदेश के विभिन्न मेेडिकल कॉलेजों को दान दिया जा चुका है, इसके अलावा बड़ी संख्या में कार्निया प्रत्यारोपण भी कराए गए हैं, जो अब कई जिंदगियों को रोशन कर रहे हैं. बताया गया कि जल्द ही स्किन बैंक के लिए मेडिकल कॉलेज में जगह चिंहित कर दे दी जाएगी. संगोष्ठी में स्किन बैंक का लोगो भी जारी किया गया. देहदान अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने बताया कि स्किन बैंक में दान की गई त्वचा तीन से पांच साल तक सुरक्षित रहती है, नेत्रदान की तरह त्वचा दान पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें शरीर में कोई विकृति भी नहीं आती,, मृत्यु के छह घंटे के अंदर त्वचा दान दी जा सकती है. यहां पर पूर्व महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, डॉ. उमेश पालीवाल, विजय पंडित, डॉ. प्रदीप दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे.