ABC News: हैलट के आइडीएच में भर्ती कुत्ता काटने के रोगी के परिजनों से डॉक्टरों ने बाहर से 20 हजार रुपये की दवाएं मंगाई. मेडिकल स्टोर के दलाल ने छह हजार रुपये का इंजेक्शन दिलाया. इसके बाद रोगी को प्लास्टिक सर्जरी के नाम पर लखनऊ रेफर कर दिया गया, जबकि हैलट के सर्जरी विभाग में प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध हैं.
बांदा निवासी गोविंद ने बताया कि उसके बेटे अंशू यादव (2) का आठ दिसंबर को कुत्ते ने मुंह नोच लिया था. हैलट के संक्रामक रोग अस्पताल में उसका 15 दिन तक चलता रहा. कुत्ता काटने की सारी दवाएं बाहर से मंगाई गईं. पहली बार छह हजार का इंजेक्शन लगाया गया. दूसरी बार बिरहाना रोड में दो हजार रुपये का इंजेक्शन मिला. चार-चार सौ रुपये की दवाएं भी मंगाई गईं. इसमें उसका 20 हजार रुपये खर्च हुआ, लेकिन बच्चे को पूरा आराम नहीं मिला. इसके बाद में प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया. उसका कहना है कि उसे पता ही नहीं था कि हैलट के सर्जरी विभाग में भी प्लास्टिक सर्जन तैनात हैं. हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या का कहना है कि रेफर क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं है. दवाएं महंगी होती हैं, कहां कितने की दवा मिलती है, इसका पता नहीं है. फिर भी मामले की जानकारी की जा रही है. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी.