ABC News: अहिरवां स्थित ई-बस चार्जिंग स्टेशन (डिपो) पर हड़ताल पर बैठे परिचालकों को गुरुवार को पुलिस ने खदेड़ा तो माहौल उग्र हो गया. महिला परिचालकों ने पुलिस पर लात-घूंसों से पीटने का आरोप लगाया है. एसीएम द्वितीय रामानुज, एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक कई थानों का फोर्स लेकर पहुंचे और हालात संभाले.
चकेरी के अहिरवां में इलेक्ट्रिक बस का डिपो बना है और यहां से 57 बसें संचालित होती हैं. बसों के परिचालक नई भर्ती बंद करने और किलोमीटर की बजाए तय वेतन दिये जाने समेत कई मांगों को बुधवार से हड़ताल पर थे. आरोप है कि डिपो के नोडल अधिकारी ने कई परिचालकों को बर्खास्त भी कर दिया था. हड़ताल पर बैठे परिचालकों को एसीएम द्वितीय रामानुज, एसीपी समेत डिपो के अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया था लेकिन वे नहीं माने और हड़ताल जारी रखी. इससे शहर में ई बसों का संचालन ठप रहा.
गुरुवार की सुबह चकेरी, रेलबाजार, जाजमऊ समेत थानों का फोर्स डिपो पहुंचा. पुलिस और डिपो के अधिकारी जबरन चालकों पर दबाव बनाकर बसें निकलवाने लगे. विरोध करने पर पुलिस ने हड़ताल पर बैठे परिचालकों को खदेड़ दिया. आरोप है कि पुलिस ने महिला परिचालकों पर भी लाठीचार्ज किया और लात घूंसों से पीटा गया. मामले में परिचालकों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाने की बात कही है. डिपो के नोडल अधिकारी राहुल सिंह ने बताया कि परिचालकों की कुछ मांगे मान ली गई, लेकिन पर परमानेंट होने व वेतन निर्धारित करने की मांग पर अड़े है, जो अभी संभव नहीं है. बसों का संचालन बिना परिचालकों के शुरू करा दिया गया है.