ABC News: कांशीराम अस्पताल में लापरवाह रवैये का बड़ा मामला सामने आया है. यहां पर एक गर्भवती का पांच माह में ही प्रसव हो गया. डाक्टर ने नवजात बच्ची को मृत बता कपड़े में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया. इससे उदास परिजन शव को गंगा में बहाने जा ही रहे थे कि तभी बच्ची की सांसें चलने लगी. उसके जिंदा होने की जानकारी पाकर लोगों में भी कौतूहल मच गया.
जाजमऊ तिवारीपुर निवासी ई रिक्शा चालक राजकुमार की पत्नी मीनू पांच माह की गर्भवती थी. वह रामादेवी स्थित कांशीराम अस्पताल में रूटीन में जांच भी कराती थी. गुरुवार देर रात मीनू को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे परिजन कांशीराम अस्पताल लेकर गए. राजकुमार के भाई राज किशोर ने बताया कि सुबह करीब चार बजे नार्मल डिलीवरी हुई और भाभी ने एक बच्ची को जन्म दिया. 12 साल बाद उनकी दूसरी बच्ची हुई, लेकिन डाक्टर ने बताया कि पांच माह में प्रसव होने से बच्ची मृत हुई है. उन्होंने कपड़े में लपेटकर शव परिजन को सौंप दिया. परिवार दुखी मन से घर पहुंचे और रिश्तेदारों को सूचना दी.
गंगा में अंतिम संस्कार के लिए सब चलने के लिए सब तैयार थे. जैसे ही कपड़ा खोला तो बच्ची की सांसे चल रही थी. वे लोग वापस अस्पताल पहुंचे, लेकिन कांशीराम अस्पताल के डाक्टर कहने लगे उनके यहां प्रसव ही नहीं हुआ. यह सुनकर सभी भड़क गए और हंगामा किया. इसके बाद उसे भर्ती किया गया. कांशीराम अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि मामला जानकारी में आया है. पूरे मामले की जांच कराने के साथ ही जो भी दोषी होगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा.