ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) कानपुर में एक बिल्डर ने केडीए अधिकारियों के साथ ही धोखाधड़ी कर ग्रीन एरिया में पांच प्लॉटों के ले आउट पास करा लिए. मामला सामने आने पर केडीए अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया. मामला बिठूर रोड स्थित सिंहपुर कछार का है, जहां पर पायनियर कंट्राबिल्ड कंपनी ने ले आउट पास कराने के साथ प्लॉट भी बेच डाले.
यह मामला जब केडीए उपाध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे डीएम विशाख जी के पास पहुंचा. तो उन्होंने जांच कराई. तब जाकर मामले की सत्यता का पता चला. अब केडीए की तरफ से पार्वती बांग्ला रोड निवासी बिल्डर, आर्किटेक्ट समेत पांच लोगों के खिलाफ स्वरूपनगर थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है. केडीए के ओएसडी रवि प्रताप सिंह की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार, पार्वती बांग्ला रोड निवासी पायनियर कंट्राबिल्ड कंपनी के निदेशक अखिल शर्मा, निखिल शर्मा, आशीष सिंह, अमित अग्रवाल और आर्किटेक्ट वैभव चौहान ने आराजी संख्या 499, 500, 501 पार्ट और 486 पार्ट हनुमंत विहार, सिंहपुर कछार के स्वीकृत नक्शे में छेड़छाड़ की और कूटरचित ढंग से दूसरी कॉपी तैयार करते हुए ओबीपीएस पोर्टल पर तथ्यों को छिपाकर उस भूखंड का नक्शा अपलोड कर केडीए से पास करा लिया. जोकि पूर्व के नक्शे में था ही नहीं. केडीए ओएसडी की तहरीर पर स्वरूपनगर थाना में चारों बिल्डर और आर्किटेक्ट के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
अब नक्शा भी होगा निरस्त
इसी के साथ केडीए अब संबंधित भूखंड का नक्शा भी निरस्त करने जा रही है. केडीए के प्रवक्ता एसबी राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-15(9) के तहत कूटरचित नक्शे के आधार पर स्वीकृत भूखण्डों के भवन मानचित्र के निरस्तीकरण की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं.