ABC News: शहर में डेंगू तेजी से बेकाबू होता जा रहा है. दो बच्चों समेत आठ नए केस आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. तीन मरीजों में हैमरेजिक डेंगू के लक्षण पनपने से डॉक्टरों ने चिंता जाहिर की है. शहर में पड़ोसी जिलों के 67 डेंगू मरीजों का इलाज चल रहा है.
रावतपुर के सुरेंद्र नगर इलाके में डायरिया फैल गया है. क्षेत्रीय निवासी सत्य प्रकाश पांडे ने बताया कि पूरे क्षेत्र में गंदगी का प्रकोप है. नालियां गंदगी से बजबजा रही है. साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है. जिसके चलते पूरे इलाके में डायरिया फैल गया है. डायरिया की चपेट में आकर 12 साल का बच्चा अभय सिंह मौत का शिकार हो गया. जबकि उसके पिता बदन सिंह भी गंभीर हालत में काकादेव के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं. इलाके के 2 दर्जन से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं. GSVM मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलाजी विभाग की रिपोर्ट में हथिक के अभि (5), बर्रा के समीर जायसवाल (8), चित्ररेखा (57) में डेंगू की पुष्टि हुई. उर्सला अस्पताल से मिली रिपोर्ट में डेंगू के पांच नए केस सामने आए हैं. कृष्ण बिहारी नगर फतेहपुर के हर्ष शिवहरे (23), फतेहपुर के ही विपिन गुप्ता (25), भौंती के अजय (14), फतेहपुर के राणा विजय (29) और जूही के संतोष कुमार (55) में डेंगू की पुष्टि हुई है. हैलट के मैटरनिटी विंग में भर्ती रामादेवी की स्वाइन फ्लू मरीज चित्ररेखा सिंह (57) को डेंगू भी हो गया है.
बुधवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने रिपोर्ट में डेंगू संक्रमण की पुष्टि की है. शहर में पहली बार किसी मरीज में स्वाइन फ्लू के साथ डेंगू संक्रमण मिला है.यह रेयर आफ रेयरेस्ट की श्रेणी में केस दर्ज किया गया है. वहीं उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा है. मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि मरीज की हालत बेहद गंभीर है. तीन पुराने मरीजों की 11 यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद भी हालत गंभीर है. पांच मरीज को अस्पतालों में भर्ती किया गया है. एसीएमओ डॉ.आरएन सिंह ने बताया कि इस समय शहर के 129 और बाहरी जिलों के 67 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उधर, हैलट के एसआईसी प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि वार्ड 10 के साथ ही हैलट इमरजेंसी में किट उपलब्ध करा दी गई है. कई दिनों से हो रही बारिश से चौबेपुर के पारा प्रतापपुर गांव में जलभराव हो गया. गंदगी और कीचड़ के अंबार के बीच संक्रामक रोग फैलने लगे. एक साथ 27 बच्चे बीमार हो गए. गांव में दहशत फैल गई है. सीवर समेत घरों की नालियों का पानी गलियों में भर चुका है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप कर जांच और दवाई का वितरण शुरू कर दिया है.