ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) स्वरूपनगर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो कॉलेजों के बाहर आर्मी की वर्दी पहनकर घूमते थे और बेरोजगार युवक-युवतियों को निशाने पर लेकर उनसे ठगी करते थे. सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर पकड़े गए शातिर अब तक करीब 300 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. पकड़े गए अभियुक्तों में एक के पास एनसीसी का बी सर्टिफिकेट भी मिला है.
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि स्वरूपनगर थाना में आकर तीन लड़कियों ने बताया कि हिंमाशु शर्मा नाम का एक शख्स खुद को सेना में मेजर बताता है जबकि अंकुर पाल नाम का शख्स जोकि खुद को कैप्टन बताता है. उसने सेना में नौकरी लगवाने के बहाने उन लोगों से रकम ली है और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ट्रेनिंग के नाम पर जगह-जगह ड्यूटी करा रहे हैं. युवतियों की सूचना के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने गड़रियनपुरवा निवासी हिमांशु, शास्त्रीनगर निवासी अंकुर और आदित्य कुमार राजपूत को गिरफ्तार किया. पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो अभियुक्तों ने बताया कि वह बेरोजगार लड़के और लड़कियों को आर्मी में नौकरी का झांसा देकर रकम ऐंठते थे. इसके लिए दोनों हमेशा कॉलेजों के बाहर घूमते थे और अगर किसी को शक होता था तो दोनों अपने अलग-अलग फोन से आर्मी का ब्रिगेडियर बनकर बातचीत कराते थे.
जब कोई बेरोजगार इनकी बात में फंस जाता था तो उससे रकम ऐंठने के बाद यह अपने साथी आदित्य की मदद से फर्जी नियुक्ति पत्र, आईडी कार्ड आदि तैयार कर उन्हे दे देते थे. पुलिस को इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्ति पत्र, सेना की मुहर के अलावा वर्दी और आईकार्ड बरामद हुए हैं. डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त अब तक करीब 300 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. एक शख्स से 15 हजार से लेकर एक लाख रूपए तक रकम ली जाती थी. वहीं, पीड़ित युवतियों ने बताया कि अभियुक्त कभी मोतीझील में चल रही कथा तो कभी चमनगंज में निकले जुलूस में ड्यूटी लगाकर भेज देते थे. एक बार तो उन्हें जंगल में ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भी ले जाया गया. लेकिन जब उनसे सैलरी आदि की बात की गई तो धमकाने लगे, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की.