ABC NEWS: जावेद अख्तर का कहना है कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड के पक्षधर हैं. साथ ही असल जिंदगी में इसे फॉलो भी करते हैं. जावेद बोले कि कई लोग मुस्लिमों से द्वेष के चलते UCC को लना चाहते हैं, यह ठीक नहीं. यह बातें उन्होंने एक रीसेंट पॉडकास्ट के दौरान कहीं. इस बातचीत में वह सड़क पर नमाज पढ़ने वालों पर भी बोले.
कान में पढ़ा गया कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो
जावेद अख्तर सोशल मुद्दों पर अपने दिल की बात बेबाकी से रखते हैं. इसी वजह से उनके बयान सुर्खियों और चर्चा में रहते हैं. बरखा दत्त के पॉडकास्ट मोजो स्टोरी में भी जावेद अख्तर ने कई मसलों पर बात की. उनसे पूछा गया कि क्या वाकई में जब वह पैदा हुए तो कान में कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो पढ़ा गया था. इस पर जावेद अख्तर ने मजेदार किस्सा सुनाया.
स्टालिन को समझते थे दादाजी
जावेद ने बताया कि वह ग्वालियर में पैदा हुए थे. उनके दोस्त के कुछ दोस्त अस्पताल में मिलने आए. उनमें से एक दोस्त कम्युनिस्ट थे। उन्होंने सुना था कि मुस्लिमों के बच्चों के कानों में कलमा, आयत या दुआ वगैरह पढ़ी जाती है. उन्होंने कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो जावेद के कान में पढ़ा था. जावेद ने बताया कि उनके घर पर स्टालिन की बड़ी सी फोटो थी। किसी ने कह दिया कि स्टालिन उनके दादाजी थे. वह काफी वक्त तक यह सच समझते रहे। जब सच पता चला तो काफी दुख हुआ था.
बचपन से जेल जाने की तैयारी
जावेद बचपन से ही क्रांतिकारी थी. उन्होंने बताया, बचपन में मैं जब कुछ खाता नहीं था कि ये सब्जी नहीं खाऊंगा, वो सब्जी नहीं खाऊंगा तो मां बोलती कि क्रांति में जब जेल जाओगे तो सब खाना पड़ेगा. मैं सब खा लेता था क्योंकि मुझे पता था कि मैं जेल जाऊंगा. मैंने 6-7 साल की उम्र से ही मिर्ची खानी शुरू कर दी थी क्योंकि लोगों ने कहा था कि जेल के खाने में मिर्ची बहुत होती है.
सड़क नमाज के लिए नहीं है
बीते दिनों सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को एक पुलिस ने लात मारकर हटाया था. यह वीडियो काफी वायरल हुआ और मुद्दे पर सोशल मीडिया पर बहस भी छिड़ी. जब जावेद से इस पर रिएक्शन मांगा गया तो उन्होंने जवाब दिया, सड़क पर नमाज पढ़ना ठीक नहीं है. अगर जगह नहीं है तो सरकार से जगह मांगो पर सड़क नमाज के लिए नहीं है. हिंदू करे या मुस्लिम ये नहीं होना चाहिए. हालांकि पुलिस ने जो तरीका अपनाया जावेद ने उसे भी गलत कहा.
मुस्लिमों से जलते हैं लोग
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जावेद बोले यह सिर्फ मुस्लिमों की आलोचना के लिए नहीं होना चाहिए. उन्हें यह नियम गलत नहीं लगता. सेंटर की तरफ से चर्चा करके यह समान रूप से लागू होना चाहिए. जावेद ने कहा कि वह खुद इसका पालन करते हैं। हालांकि अगर कोई सिर्फ इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना चाहता है कि मुस्लिम बहुविवाह ना कर सकें तो यह गलत है. जावेद हंसकर बोले, लोग जलते हैं कि मुस्लिमों को 4 बीवियां रखने का हक है. उन्हें कुछ और गलत नहीं लगता. क्या यही वजह है यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की. अगर आपको भी यह हक दिया जाएगा तब दिक्कत नहीं होगी.
दो शादी करने वाले हिंदू ज्यादा
जावेद बोले, इलीगल तरीके से हिंदू ऐसा कर ही रहे हैं. आंकड़े कहते हैं कि हिंदू में दो शादियां ज्यादा हैं. जावेद ने बताया कि वह सभी के लिए बराबर कानून और हक के पक्षधर हैं. वह अपनी जिंदगी में इसे जी भी रहे हैं. जावेद ने बताया कि अपनी बेटी को भी बेटे के बराबर हिस्सा देंगे. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या अपने अपनी बेटी को जायदाद में हिस्सा दिया. अगर नहीं तो चुप रहिए.