ABC NEWS: कानपुर में सरकारी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल सुकांत सरकार (57) ने अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी. सुबह बेटे को उनका शव बाथरूम के अंदर फंदे से लटका मिला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच पड़ताल शुरू की है. बताया जा रहा है कि मृतक शिक्षकों के कामकाज में कोई सहयोग न मिलने से आहत थे.
कल्याणपुर के आनंदशील अपार्टमेंट निवासी सुकांत नवंबर 2022 में आयोग द्वारा प्रधानाचार्य पद पर चयनित होकर शिवराजपुर, बैरी के राम सहाय इंटर कॉलेज आए थे. उनके छोटे भाई सुदीप्तो ने पुलिस को बताया कि कॉलेज में प्रधानाचार्य की पोस्ट खाली थी. कॉलेज की एक प्रचार्या को कार्यवाहक प्रधानाचार्य मैनेजमेंट ने नियुक्त किया था.
आरोप है कि सुकांत की तैनाती आयोग से कॉलेज में किए जाने के कारण प्रचार्या के हाथ से प्रधानाचार्य के सभी अधिकार छिन गए थे. इस कारण वो और उनके सहयोगी शिक्षक उनका कामकाज में बिल्कुल भी सहयोग नहीं करते थे. इसे लेकर वह मानसिक तनाव से जूझ रहे थे. इसके चलते उन्होंने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
बाथरूम में दुपट्टे से लगाई फांसी, गेट तोड़कर बाहर निकाला
सुकांत सरकार (56) कल्याणपुर बिठूर रोड के शीतल अपार्टमैंट में रहते थे. वह घर में पत्नी जया सरकार और छोटे बेटे सुजल के साथ रहते थे. जबकि बड़ा बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी करता है. सुकांत सरकार कल्याणपुर के बैरी में स्थित राम सहाय इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल थे. 6 महीने पहले ही आयोग से उनका ट्रांसफर नवोदय स्कूल से यहां किया था.
पत्नी ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह काफी देर तक बाथरूम से नहीं निकले. आवाज देने के बाद भी कोई आवाज नहीं होने पर उन्होंने सोसाइटी के लोगों की मदद से बाथरूम का दरवाजा तोड़ा. वहां वह दुपट्टे से फंदे के सहारे लटक रहे थे। फंदा काटकर पत्नी समेत अन्य लोग उन्हें पास के एक अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पत्नी बोली-पति को झूठी शिकायतों ने मौत तक पहुंचाया
पत्नी ने बताया कि वह कॉमर्स के बहुत अच्छे टीचर और खुशमिजाज व्यक्ति थे. रोते हुए व्यक्ति को भी हंसा दे, वह ऐसे थे। छात्रों और पढ़ाई से उन्हें बहुत लगाव था. उन्होंने कानपुर के राम सहाय इंटर कॉलेज में 12 नवंबर, 2022 को ज्वाइन किया था. इसके बाद पूर्व कार्यवाहक प्रिंसिपल आरती यादव ने उनके खिलाफ कोर्ट से लेकर DIOS ऑफिस तक में तमाम शिकायतें की थीं. इसमें एक शिक्षक नेता भी उन्हें पद से हटाने के लिए आरती यादव का साथ दे रहे थे.
इन्हीं सब चीजों को लेकर वह मानसिक तनाव में रहते थे. कई बार कहते थे कि यहां अच्छा नहीं लग रहा है. पहले असम के नवोदय विद्यालय में थे, वहीं लौटने की बात कहते थे। चार दिन पहले स्कूल खुला था, लेकिन सिर्फ दो दिन ही गए थे। हम लोग कानपुर में पनकी के रहने वाले थे. इसके चलते कानपुर बहुत उम्मीदों के साथ आए थे. लेकिन यहां शिक्षकों की राजनीति ने बच्चों से अच्छा शिक्षक और मेरा पति छीन लिया.
शिक्षक नेता ने की आरोपियों पर कार्रवाई की मांग
पोस्टमॉर्टम हाउस पर शैलेंद्र द्विवेदी समेत अन्य शिक्षक नेता पहुंचे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि एक शिक्षक नेता की झूठी शिकायतों के चलते प्रिंसिपल ने सुसाइड कर लिया. इतनी शिकायतें की हैं कि DIOS दफ्तर में पूरी फाइल तैयार हो गई है. उन्होंने कई महीनों तक प्रिंसिपल का वेतन रुकवाए रखा. आयोग से नियुक्ति के बाद भी उनके साथ साजिश की गई थी. शैलेंद्र ने कहा कि वह पीड़ित शिक्षक के परिवार के साथ हैं.
मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग
मामले में भाई ने प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करने के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर माध्यमिक शिक्षा आयोग तक में शिकायत करने की बात कही है. वहीं, पुलिस के अनुसार परिजन ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है. तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.