ABC NEWS: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में असरदार माने जाने वाले नेता इमरान मसूद (Imran Masood) बुधवार को समाजवादी पार्टी (SP) छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल हो गए. बसपा अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने मसूद का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश(Western Uttar Pradesh) में पार्टी का संयोजक बनाया. मसूद इस साल की शुरुआत में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए थे. मसूद नेBSP में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में एक मजबूत विकल्प देने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने SP का दामन थामा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आए.
1. उत्तर प्रदेश व ख़ासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में श्री इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बीएसपी में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत।
— Mayawati (@Mayawati) October 19, 2022
उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में आया कि BSP कैडर आधारित पार्टी है और उसका अपना जनाधार है. निश्चित रूप से हम एक मजबूत विकल्प बनेंगे. बहुजन समाज पार्टी जब-जब मजबूत हुई है, तब-तब भाजपा कमजोर हुई है.’ मायावती ने मसूद के बसपा में शामिल होने को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किए. बसपा सुप्रीमो ने लिखा है, ‘उत्तर प्रदेश और खासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बसपा में शामिल हो गए. उनका तहेदिल से स्वागत.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘साथ ही, पार्टी में काम करने के इनके जबर्दस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बसपा का संयोजक बनाते हुए वहां पार्टी को हर स्तर पर मज़बूत बनाने व ख़ासकर अक़लियत (अल्पसंख्यक) समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है.’ आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बाद और स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मसूद के BSP में शामिल होने को उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए शुभ संकेत बताते हुए मायावती ने कहा, ‘मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि BJP की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बसपा के ही जरूरी है.’