ABC News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हेट स्पीच और हेट क्राइम को लेकर एक अहम टिप्पणी की. शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत जैसे एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर हेट क्राइम के लिए कोई जगह नहीं है. SC ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में दिए गए हेट स्पीट के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह बयान दिया. जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. बता दें कि यह मामला 62 साल के काजीम अहमद शेरवानी से संबंधित है, जो जुलाई 2021 में एक हेट क्राइम का शिकार हो गए थे.
घटना के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसे प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की.
हेट स्पीच के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. अदालत ने कहा, ‘समाधान तभी पाया जा सकता है जब आप समस्या को पहचानेंगे.’ इसके अलावा न्यायालय ने सवाल किया कि क्या हेट क्राइम को पहचाना जाएगा या इसे दबाने की कोशिश की जाएगी? शीर्ष अदालत ने कहा कि अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक की स्थिति क परवाह किए बिना लोगों को कुछ अधिकारी पहले से मिले हैं. आप एक परिवार में पैदा हुए और पले-बढ़े, लेकिन हम एक साथ एक राष्ट्र का निर्माण करते हैं. आपको इसे गंभीरता से लेना होगा. वहीं पुलिस पर लगे निष्क्रियता के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘ऐसे अधिकारी अपने कर्तव्य में लापरवाही करके बच नहीं सकते. हमें एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए, तभी हम विकसित देशों के बराबर हो सकते हैं.’ बता दें कि 62 साल के व्यक्ति ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि 4 जुलाई को वह नोएडा के सेक्टर 37 में अलीगढ़ जाने वाली बस का इंतजार कर रहा था. जब उन्हें कुछ लोगों ने लिफ्ट देने की पेशकश की. उन्होंने दावा किया कि इस ग्रुप के लोगों ने उनकी मुस्लिम पहचान के कारण उनसे अभद्रता की और प्रताड़ित किया.