ABC NEWS: सनातन धर्म में मां लक्ष्मी के लिए सभी लोगों में अपार श्रद्धा है. मां लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर दरिद्रता दूर होती है और घर में धन से भर जाता है. मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए मां वैभव लक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. माना जाता है इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में धन और वैभव की कमी नहीं रहती है.
किस दिन करें वैभव लक्ष्मी व्रत ?
मां वैभव लक्ष्मी का व्रत शुक्रवार के दिन किया जाता है. श्रद्धा अनुसार 11 या 21 शुक्रवार तक मां वैभव लक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. मान्यता के अनुसार, शुक्रवार के दिन नहा धोकर ,साफ और स्वच्छ कपड़े पहने और दिन 11 या 21 वैभव लक्ष्मी व्रत का संकल्प लें. अब अगले 11 या 21 शुक्रवार तक हर शुक्रवार को व्रत करें. व्रत के दिन केवल फलाहार करें या शाम के समय एक समय भोजन भी कर सकते हैं. 11 या 21 व्रत करने के बाद व्रत का उद्यापन करें. मान्यता है उद्यापन करने के बाद ही व्रत करने का फल मिलता है.
मां वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजन विधि
वैभव लक्ष्मी व्रत को महिला या पुरुष दोनो ही कर सकते हैं. शुक्रवार को घर की साफ सफाई करने के बाद नहा धोकर साफ कपड़े पहने और इसके बाद घर के मंदिर या किसी साफ और पवित्र जगह पर एक चौकी रखकर उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं. अब मां वैभव लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति चौकी पर विराजमान करें और मां की मूर्ति या तस्वीर के बराबर में थोड़े से गेहूं या चावल चौकी पर रखें. चौकी पर रखें इन गेहूं या चावल के ऊपर जल से भरा हुआ कलश रखें और कलश को गेहूं या चावल भरी कटोरी से ढक दें. अब मां वैभव लक्ष्मी को जल अर्पित करें. इसके बाद दीपक जलाकर मां वैभव लक्ष्मी को तिलक, अक्षत, फूल माला, फल और वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद मां वैभव लक्ष्मी को खीर या मिठाई का भोग लगाएं. अब वैभव लक्ष्मी व्रत कथा को पढ़ें या सुनें. इसके बाद आरती करें.
मां वैभव लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
मां वैभव लक्ष्मी मंत्र
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥