ABC News: भारत का जॉब मार्केट आउटलुक काफी मजबूत है और अक्टूबर से दिसंबर तक 54 प्रतिशत कंपनियां नई भर्तियों की योजना बना रही हैं. इसका मतलब यह है कि अगले तीन महीनों में देश में बड़ी संख्या में नौकरिया मिलेंगी. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.
मंगलवार को जारी मैनपावर ग्रुप एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए श्रम बाजार मजबूती का संकेत दे रहा है. यह सर्वेक्षण प्रत्येक तिमाही रोजगार की प्रवृत्तियों को मापने के लिए 40,600 से अधिक सार्वजनिक और निजी कंपनियों के साथ इंटरव्यू पर आधारित है. इससे यह भी जानकारी मिलती है कि अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार के आंकड़े क्या कहते हैं. सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 64 प्रतिशत कंपनियों को अपने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है. केवल 10 प्रतिशत कंपनियां ऐसी हैं, जो अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी लाने की योजना बना रही हैं. जबकि 24 प्रतिशत कंपनियों को किसी भी बदलाव की उम्मीद नहीं है. अगर इस डाटा को एक साथ जोड़कर देखें तो 54 प्रतिशत का शुद्ध रोजगार आउटलुक दिखाई देता है. अगर दुनिया के संदर्भ में बात करें तो भारत में हायरिंग आउटलुक ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर है. ब्राजील में 56 प्रतिशत कंपनियां अपने स्टाफ की संख्या में वृद्धि की उम्मीद जता रही हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में, हायरिंग सेंटीमेंट में 10 प्रतिशत अंक का सुधार हुआ है, जबकि पिछली तिमाही की तुलना में 3 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है. हालांकि आईटी क्षेत्र को संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बहुत से इम्प्लॉयर वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच सतर्कता बरत रहे हैं. 2022 की तीसरी तिमाही में किए गए टैलेंट शॉर्टेज सर्वे के अनुसार, रोजगार के लिए मजबूत संकेतों के बावजूद उद्योग को प्रतिभा की कमी का सामना करना पड़ रहा है. 85 प्रतिशत कंपनियों का दावा है कि उन्हें योग्य स्टॉफ नहीं मिल रहे हैं. जानकारों का कहना है कि विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम को बाजार की जरूरतों के लिए फिर से तैयार करने की आवश्यकता है. आने वाली तिमाही के दौरान सभी ग्यारह उद्योग क्षेत्रों के लिए वेतन में वृद्धि का अनुमान है.आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र का रोजगार आउटलुक 63 प्रतिशत से ज्यादा है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इन दोनों क्षेत्रों में भर्तियां अधिक संख्या में होंगी. इसके बाद बैंकिंग, वित्त, बीमा और रियल एस्टेट (61 प्रतिशत) का नंबर आता है.