ABC News: गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला आ गया. कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार किया गया है. अदालत ने उन्हें चार साल की सजा सुनाई है. ऐसे में उनकी लोकसभा सदस्यता जाने का खतरा है.
अफजाल अंसारी पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी सदस्यता जा सकती है. इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है. आज हम ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में बताएंगे, जिनकी सदस्यता सजा के चलते चली गई. ये भी बताएंगे कि वो कौन सा नियम है, जिसके जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?
किस नियम के जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है. अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है. उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है. अफजाल अंसारी के साथ भी ऐसा ही हो सकता है. हालांकि, अफजाल पहले ऐसे नेता नहीं होंगे, जिनकी चली जाएगी. इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है. ताजा मामला कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ही है.