ABC NEWS: राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से जिले की दक्षिणी सीमा पर यमुना नदी के उफनाने से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है. बुधवार सुबह आठ बजे यमुना 107.35 मीटर पर बह रही थी. खतरे के निशान से आधा मीटर नीचे जलस्तर पहुंचने पर प्रशासन अलर्ट हो गया है. इसके साथ ही बचाव व राहत के इंतजाम चाक चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं.
यमुना तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से ग्रामीणों को डराने लगा है. भोगनीपुर व सिकंदरा तहसील क्षेत्र के नदी किनारे के 28 गांवों के साथ ही करीब तीस हजार की आबादी यमुना के उफनाने से बाढ़ से प्रभावित होती है. सबसे अधिक भयावह स्थिति यमुना-सेंगुर के संगम स्थल चपरघटा व उसके आसपास स्थित आढ़न, पथार, मुसरिया, कुंभापुर, पड़ाव, भुंडा आदि गांवों की होती है.
पिछले हफ्ते उफनाई यमुना का जलस्तर कम होने के बाद अभी राहत नहीं मिल पाई थी, इधर राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से यमुना उफना गई है. इससे चपरघटा के आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा ग्रामीणों को डराने लगा है. केंद्रीय जल आयोग के कालपी स्थित केंद्र के शिफ्ट प्रभारी मनोज व सौरभ यादव ने बताया कि यमुना का जल स्तर 30 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है. बुधवार सुबह यमुना 107.35 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान से महज 0.65 मीटर दूर है.