ABC NEWS: ऐसा लगता है कि दिल्ली में अभी बाढ़ का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. यमुना नदी यहां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यमुना नदी में खतरे का निशान 205.33 मीटर है. इस वक्त यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली रेलवे ब्रिज के पास गुरुवार को 205.75 मीटर दर्ज किया गया है. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बाद यमुना नदी फिर खतरे का निशान के पार चली गई. यमुना नदी के अलावा उसकी सहायक नदी हिंडन भी कहर बरपा रही है.
नोएडा में हिंडन नदी का जलस्तर आज सुबह 7 बजे 196.84 मीटर पर पहुंच गया है. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में फिर से पानी भरने लगा है. एहतियात के तौर पर दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से घर खाली करवाया गया है. इससे पहले बुधवार को यमुना नगर स्थित हथिनिकुंड बैराज पर पानी का प्रभाव 30,000 क्यूसे के बढ़कर 50,000 क्यूसेक प्रति घंटा था. मौसम विभाग ने दिल्ली में आने वाले दिनों में बारिश होने का अनुमान भी जताया है.
बताया जा रहा है कि यमुना नदी और हिंडन नदी का जलस्तर बुधवार को हुई भारी बारिश की वजह से बढ़ा है जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात पैदा होने का खतरा मंडराने लगा है. हिंडन नदी ने जो हाहाकार मचाना शुरू किया है उसका असर यह हुआ है कि कई लोगों को अपना घर-द्वार छोड़ना पड़ा है.नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बाढ़ ग्रस्त करीब 17 गांवों से 3100 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है. इन सभी को शेल्टर होम में पहुंचाया गया है। करीब 1600 हेक्टेयर जमीन पर बाढ़ के पानी का कब्जा है.
गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा और नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने कुछ प्रभावित गांवों का दौरा किया और हिंडन नदी के तट के करीब बाढ़ से पैदा हुए हालातों का जायजा लिया. डीएम ने कहा कि प्रभावित जगहों का दौरा कर ग्राउंड जीरो का जायजा लिया गया है. इसके अलावा डीएम ने प्रशासन द्वारा बनाए गए शेल्टर होम का भी दौरा किया और वहां लोगों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया. ग्रेटर नोएडा के इकोटेक 3 इलाके में कारों के लिए बने एक यार्ड में हिंडन नदी का पानी समा गया. यह यार्ड एक निजी कंपनी की थी। यार्ड में पानी समा जाने की वजह से सभी कारें जलमग्न नजर आईं.