ABC NEWS: कानपुर देहात जिले की दक्षिणी सीमा पर उफनाई यमुना का तटवर्ती गांवों में कहर जारी है. घरों में पानी घुसने से करीब तीन सौ परिवार ऊंचे स्थानों सीए घरों की छतों पर डेरा डाले हैं. दर्जन भर गांवो के रास्तों में 10 से 12 फिट तक पानी भर जाने से आने जाने के लिए सिर्फ नावों का सहारा बचा है.
कोटा बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना नदी के जलस्तर में लगातार इजाफा जारी है. नदी में खतरे के निशान से पौने पांच मीटर ऊपर पानी बहने से तटवर्ती 30 गांवों के साथ ही करीब तीस हजार की आबादी बाढ़ की चपेट मे आ गई है. इनमें से करीब तीन सौ घर जलमग्न होने से उनमें रहने वाले परिवार घरों की छतों पर या फिर ऊंचे स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं. भोगनीपुर क्षेत्र में यमुना-सेंगुर के संगमस्थल चपरघटा के आस पास के आढ़न, पथार, मुसरिया, क्योंटरा, कुंभापुर, पड़ाव, भुंडा, नयापुरवा आदि गांव बाढ़ से घिर गए हैं. इन गांवों के रास्तों में15 फुट तक पानी भरने से आवागमन के लिए अब नावों का सहारा बचा है. प्रशासन ने यहां 9 नावों का प्रबंध किया है.
बाढ़ की चपेट में आने से इन गांवों के साथ ही जैसलपुर, गोहानी बांगर, बैजामऊ बांगर, महादेवा सहित कई गांवों में तबाही का आलम है. फसलें नष्ट होने के साथ ही मवेशियों के लिए चारे का संकट बन गया है. अधिकांश प्रभावित परिवारों तक अभी सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही है. क्रेंदीय जल आयोग के कालपी स्थित केंद्र केशिफ्ट प्रभारी सौरभ यादव व मनोज ने बताया कि यमुना का जलस्तर अब 3 से 4 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है. शनिवार सुबह 9 बजे यमुना 112.80 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान से पौने पांच मीटर ऊपर है.