क्या इमरान खान के कारण फिर दो फाड़ होगा पाकिस्तान; पूर्व PM का समझें बयान

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ABC NEWS: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान इन दिनों शहबाज शरीफ की सरकार और पाक सेना दोनों के रडार पर हैं और दोनों के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी जंग लड़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने के बाद इमरान खान ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर को निशाने पर लिया है और सियासी लड़ाई में सेना की दखलंदाजी का विरोध किया है. इतना ही नहीं इमरान खान के समर्थकों ने सेना के कई ठिकानों पर धावा बोल दिया है.

उधर, पाक आर्मी चीफ ने भी खुली चेतावनी दी है कि सशस्त्र बल देश के प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अब आगे कोई हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और हाल की तोड़-फोड़ की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में ला खड़ा करेंगे. बता दें कि इमरान समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में पिछले दिनों पाकिस्‍तानी सेना के रावलपिंडी स्थित मुख्‍यालय में तोड़फोड़ की थी और सेना के कई ठिकानों को जला दिया था. सेना के खिलाफ इस तरह के बगावती और तल्ख तेवर की वजह से विश्लेषक इमरान खान की तुलना शेख मुजीबुर्रहमान से करने लगे हैं, जिन्होंने पाक सेना के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी थी और पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराया था.


कौन थे शेख मुजीबुर्रहमान?
बंगबंधु के नाम से मशहूर शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के संस्थापक और वहां के पहले राष्ट्रपति थे। वह आवामी लीग के अध्यक्ष थे. उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य शासन का विरोध किया था और पाक सेना के खिलाफ लड़ाई लड़कर 1971 में ईस्ट पाकिस्तान को आजाद कराया था. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई थी. उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सैन्य शासक जनरल आहया खान थे.

क्या था ऑपरेशन सर्चलाइट
आहया खान ने 26 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाने का हुक्म पाकिस्तानी सेना को दिया था. इसके तहत बांग्लाभाषियों को कुचल देने का फरमान था. शेख मुजीबुर्रहमान ने तब पाक आर्मी के इस पागलपन और आतंकी फैसले के खिलाफ जंग लड़ा था. इस युद्ध में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान का साथ दिया था और तब पाकिस्तानी सेना की हार हुई थी. पूर्वी पाकिस्तान इस्लामाबाद के नियंत्रण से आजाद हो गया था. युद्ध में करीब 30 लाख लोग मारे गए थे और 90 हजार पाकिस्तानी सैनिक कैदी बना लिए गए थे.

इमरान ने की शेख मुजीबुर्रहमान से तुलना
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिनों पहले अपनी तुलना शेख मुजीबुरर्रहमान से की थी. उन्होंने कहा कि वह भी उसी तरह से पाक सेना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, जिस तरह से बंगबंधु लड़ रहे थे. उनका इशारा 1971 की जंग से आज की तुलना करना था। 1971 में पाक सेना के निशाने पर शेख मुजीबुर्रहमान थे और आज की तारीख में पाक फौज के रडार पर इमरान खान हैं. खान के समर्थकों पर पाक सेना ने कड़ा ऐक्शन लिया है. पीटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ सेना ने कठोर रुख अख्तियार कर लिया है.

1971 की गलती की दिलाई याद
इमरान खान ने पाक सेना पर आरोप लगाया है कि वह 1971 जैसी गलती कर रही है. खान ने कहा कि सेना के अत्याचार के कारण ही 1971 में पाकिस्तान का विभाजन हुआ था और एक अलग देश बांग्लादेश बना था. खान ने कहा कि पाक सेना ने तब पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर जुल्म किए थे जिसकी वजह से लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भर उठा था और फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान के लोगों ने विद्रोह कर दिया था. सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में इमरान खान ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाक आर्मी की हार पर निशाना साधा है.

वीडियो में खान ने कहा, “यहां पर इन्होंने इतना खौफ…हिरासत, डरा कर, लोगों को डंडे मारकर समझ रहे हैं कि उन्हें कंट्रोल कर लेंगे। मैं आज फिर से याद दिलाना चाहता हूं ईस्ट पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) का…मेरी जिंदगी में हुआ ईस्ट पाकिस्तान…मार्च 1971 को मैं वहां मैच खेलने गया था ईस्ट पाकिस्तान के अंडर-19 के खिलाफ. हमारा जो जहाज वापस आया, वो आखिरी जहाज था…मुझे अभी भी याद है कि वहां कितनी नफरत हो गई थी पाकिस्तान के खिलाफ..लेकिन हमें तो उस बारे में पता ही नहीं चला था।” खान ने कहा कि जैसे 1971 में मीडिया पर रोक लगा रखी थी, उसी तरह आज इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है.

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