ABC News : ( ट्विंकल यादव ) इंटरनेट सर्च इंजन के तौर पर गूगल आज दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है. दुनिया भर में करोड़ों यूजर्स हर दिन इस सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं. आज यानी 27 सितंबर को गूगल अपना 25वां जन्मदिन मना रहा है. पूरी दुनिया को उंगली पर नचाने वाले इस सर्च इंजन की शुरुआत साल 1998 में हुई थी. गूगल की शुरुआत वैसे महज एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी, लेकिन बाद में ये क्या बन गया इसे हम सभी जानते हैं.
कैसे हुई गूगल की शुरुआत
बता दें कि एक डॉक्टरेट छात्र सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज की मुलाकात 1990 के दशक में हुई थी. ये स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम के दौरान मिले थे. उन्होंने बात कर लगा कि उनका विजन लगभग एक जैसा ही है. वे दोनों ही वर्ल्ड वाइड वेब की पहुंच को बढ़ाना चाहते हैं. उन दोनों ने अपने हॉस्टल के रूम से खूब परिश्रम किया और एक सर्च इंजन का प्रोटोटाइप तैयार किया. जैसे-जैसे उन दोनों ने इस पर काम करने के लिए और Google के पहले ऑफिस के तौर पर एक किराए के गैरेज को चुना.
BackRub से कैसे नाम हुआ Google
सर्च इंजन को बनाते समय इसका नाम बैकरब (BackRub) रखा गया था. लेकिन जब कंपनी को रजिस्टर करने की बात आयी, तो दोनों ने डिसाइड किया कि इस कंपनी को GOOGOL नाम से रजिस्टर करवाएंगे. GOOGOL गणित का एक टर्म है जिसका मतलब होता है 1 और 00 यानी 100. लेकिन रजिस्टर करते समय स्पेलिंग में गलती होने के कारण इसका नाम GOOGOL की जगह Google हो गया. गूगल शब्द बोलने, लिखने में काफी आसान था. इसलिए ये बहुत आसानी से लोगों की जुबां पर चढ़ गया. आज के समय में गूगल इतना पॉपुलर है कि लोग अगर इंटनेट पर कुछ सर्च करने का बात भी करते हैं, तो कह देते हैं गूगल कर लो.