ABC News: इजराइल के यरुशलम में स्थित हदासाह-यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के मेडिकल एक्सपर्ट ने घोषणा की कि उन्होंने कैंसर के इलाज में 90 फीसदी सफलता हासिल कर ली है. मेडिकल एक्सपर्ट ने मल्टीपल मायलोमा नामके के कैंसर के इलाज के प्रयोग में सफलता हासिल की है. मेडिकल एक्सपर्ट का मानना था कि मल्टीपल मायलोमा बीमारी ब्लड कैंसर का 10 वां हिस्सा है. ये बीमारी लाइलाज मानी जाती है.
मल्टीपल मायलोमा बीमारी के इलाज पर सफलता हासिल करने के बाद एक्सपर्ट का मानना है कि ये कैंसर रोगियों के इलाज के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है. हदासाह-यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में विभाग की प्रमुख प्रो. पोलीना स्टेपेंस्की ने कहा कि ये कैंसर रोगियों को बचाने में काम आएगा और इलाज में क्वालिटी लाएगा. प्रो. पोलीना स्टेपेंस्की ने कहा कि चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी का इस्तेमाल कर कैंसर को खत्म करने को लेकर प्रभावशाली परिणाम आए हैं. इससे मरीजों का कई और साल जीने का मौका मिल जाता है और लाइफ क्वालिटी भी मेंटेन रहती है. मल्टीपल मायलोमा एक तरह की प्लाज्मा टिशू का कैंसर है. प्लाज्मा टिशू सफेद ब्लड टिशू होती है, जो एंटीबॉडी बनाने में मदद करती है. ये किसी भी इंसान को कई तरह के संक्रमण बीमारी से बचाने में मदद करती है. अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार माइलोमा में टिशू बहुत ज्यादा बढ़ती है. ये रेड ब्लड सेल में प्लेटलेट्स और अन्य वाइट ब्लड सेल को बनाने में मदद करती हैं. कैंसर के इलाज में सफलता पाने के बाद हेड रिसर्चर ने खुलासा किया कि कई इजराइली और अंतर्राष्ट्रीय कैंसर रोगी प्रतिष्ठित जेरूसलम मेडिकल सेंटर में इलाज कराने के लिए इच्छा जाहिर की. इस पर बात करते हुए प्रो. पोलीना स्टेपेंस्की ने कहा कि हमारे पास इस समय इजरायल और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक रोगियों वेटिंग लिस्ट में शामिल है. इससे पहले इसी साल मार्च में यरुशलम के हिब्रू यूनिवर्सिटी के इज़राइली शोधकर्ताओं की एक टीम ने पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज खोज निकाला था.