ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) स्थान्तरित किये गये केडीए वीसी का कार्यकाल अक्सर ही विवादों में रहा. बीते दिनों उनकी शासन में ग्रीनबेल्ट की जमीन पर नक्शा पास करने के शिकायत भी की गई थी.
विवादों में रहा कार्यकाल
केडीए वीसी अरविंद सिंह का कार्यकाल अक्सर ही विवादों में रहा. शासन में उनकी कई मामलों को लेकर शिकायतें की गईं. भाजपा नेता रामलखन रावत ने भी उनपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए शासन तक में शिकायतें की थी. इसके अलावा हाल ही में ग्रीनबेल्ट की जमीन पर नक्शा पास करने की शिकायत भी शासन में की गई थी. शिकायत के बाद जांच के आदेश भी जारी किए गए थे। हालांकि इसको लेकर केडीए ने इन बातों का खंडन भी किया.
रजिस्ट्री और प्लॉट पर कब्जे कराए खाली
केडीए वीसी का कार्यकाल भले ही विवादों में रहा हो, लेकिन सालों से रजिस्ट्री और नक्शा पास कराने के लिए चक्कर लगा रहे लोगों को उन्होंने बड़ी राहत दी। रजिस्ट्री और नक्शा कैंप लगाकर उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुनकर तत्काल समाधान दिया. इसके अलावा उन्होंने अवैध कब्जों और भूमाफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की. वहीं इन्वेस्टर समिट में उन्होंने 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव लाने में कामयाबी हासिल की थी.
कोर्ट केसेस में दिलाई बड़ी जीत
केडीए की सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर उन्होंने न्यायालयों में कड़ी पैरवी की। यही कारण रहा कि करीब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीनों पर उन्होंने हाईकोर्ट के माध्यम से फिर से कब्जे की जमीनों पर प्राधिकरण को कब्जा मिला. हाल ही में केडीए वीसी को न्यू कानपुर सिटी और बिनगवां आवासीय योजना को लेकर शासन से केडीए वीसी को सराहनीय कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया गया.
हाईकोर्ट ने लगाया था 5 लाख का जुर्माना
हाल ही में केडीए वीसी पर हाईकोर्ट ने 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. दरअसल, एक प्लॉट पर स्वामित्व को लेकर उपभोक्ता फोरम में केस डाला गया था जिसमें केडीए वीसी को उपभोक्ता फोरम में पेश होना था, लेकिन वे फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए उल्टा केडीए वीसी पर ही 5 लाख का जुर्माना लगा दिया था. उपभोक्ता फोरम ने उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट भी जारी कर दिया था.