ABC NEWS: प्रयागराज में 2025 मे लगने वाले ‘महाकुंभ’ को दिव्य और भव्य स्वरूप देने का योगी सरकार का प्रयास अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है. कुंभ नगरी प्रयागराज में सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिले में यूपी और एमपी को जोड़ने वाली सीमा पर बनाए गए उस पुल में 10 घंटे में ही गड़बड़ी आ गई, जिसका सोमवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से लोकार्पण किया था.
फिलहाल गड़बड़ी के चलते पुल पर आवागमन रोक दिया गया है. चश्मदीदों के मुताबिक, इसके एप्रोच रोड और पुल के बीच ज्वाइंटर में काफी स्पेस आ गया है, जिससे वाहनों का आवागमन रोकना पड़ा है. बता दें कि प्रयागराज के बारा, मेजा और कोरांव तहसील को मध्य प्रदेश सीमा क्षेत्र से जोड़ने के लिए तमसा नदी पर बने 670 मीटर लंबे पुल में 63 करोड़ की लागत आई है. आसपास के 100 से अधिक गांवों की सुविधा के लिए बने इस पुल को पूर्व में बने गौघाट पुल के जर्जर होने के बाद बनवाया गया था.
एक महीने पहले बनकर हुआ था तैयार
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराया था. शासन से बजट मंजूर कराया गया और एक महीने पहले ही यह बनकर तैयार हुआ था. फिलहाल पुल में दरार आने के बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया है.
MNNIT के विशेषज्ञों से कराई जाएगी जांच
डीएम नवनीत सिंह चहल का कहना है कि पहले तो पुल की मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद निर्माण में कैसे खामियां आईं, इसकी तकनीकी जांच एमएनएनआईटी के विशेषज्ञों से कराई जाएगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही महाकुंभ से जुड़े सभी कार्यों की थर्ड पार्टी से जांच करने की निर्देश दे चुके हैं. ऐसे में इस निर्माण की जांच भी थर्ड पार्टी करेगी. इसके बाद अधिकारियों की लापरवाही का कच्चा चिट्ठा सामने आएगा.