ABC NEWS: आगरा में अछनेरा के राठिया मोहल्ले में सोमवार दोपहर एक पुरानी कोठी तोड़ने के दौरान दूसरी मंजिल पर बक्से में मानव हड्डियां मिलने से सनसनी फैल गई. कोठी एक डॉक्टर के परिजनों ने पूर्व चेयरमैन को बेची थी. सूचना पर थाना पुलिस और विशेषज्ञों की टीम पहुंची. प्रथम दृष्टया कुछ हड्डियां कृत्रिम और कुछ असली प्रतीत हुईं. उन पर मार्किंग थीं जिन्हें देखकर प्रतीत हो रहा था कि इनका प्रयोग पढ़ाई के लिए था. एक बक्से में मेडिकल की किताब भी मिलीं.
घटना दोपहर करीब तीन बजे की है. अछनेरा निवासी गया प्रसाद के पांच बेटे थे. एक बेटे नरेश मित्तल डॉक्टर थे. हड्डी रोग विशेषज्ञ थे. उन्होंने एमएस की पढ़ाई थी। मथुरा में सरकारी अस्पताल में तैनाती थी. वर्ष 2021 में उनकी मौत हो गई थी. कोठी कई सालों से बंद पड़ी थी. पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि कोठी कुछ माह पहले पूर्व चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने खरीद ली. वह उसे तुड़वा रहे हैं. दिन में मजदूर काम कर रहे थे. दूसरी मंजिल पर अलमारी में एक लकड़ी का बक्सा मिला. मजदूरों ने उसे खोला तो उसमें हड्डियां थीं. यह देख वे घबरा गए. पुलिस को सूचना दी.
थाना प्रभारी अछनेरा फोर्स के साथ पहुंचे। आगरा से फील्ड यूनिट भेजी गई. फील्ड यूनिट ने बक्से की जांच की। बताया कि हड्डियां बहुत साफ हैं. स्कैच पैन से उन पर मार्किंग हो रही है. बक्से में किसी प्रकार की कोई दुर्गंध नहीं थी. ऐसी हड्डियों का प्रयोग डॉक्टर पढ़ाई के लिए करते हैं. पूर्व में उन्हें मेडिकल कॉलेज से जारी होती थीं. अब मानव कृत्रिम हड्डियां भी आने लगी हैं. अछनेरा सीएचसी अधीक्षक डॉ. जितेंद्र लवानियां भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रारंभिक जांच के बाद आशंका जताई कि कुछ हड्डी असली भी प्रतीत हो रही हैं. इन्हें जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा.
किसी अपराध से जुड़ा मामला नहीं
पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि डॉ. नरेश मित्तल के भाई गोपाल आगरा से अछनेरा पहुंच गए थे. उन्होंने बताया कि बक्से में उनके डॉक्टर भाई की किताबें और सामान रखा था. सेवानिवृत्त होने पर भाई अस्पताल से बक्से में यह सामान लेकर आए थे। प्रथम दृष्टया हड्डियों का किसी अपराध से कोई संबंध प्रतीत नहीं हो रहा है.
अफवाहों से घबरा गई पुलिस
बक्से में हड्डी मिलने की खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई. खबर फैली कि खुदाई के दौरान बक्से में नरकंकाल मिला है. सूचना से ऐसा लगा जैसे बक्से में किसी लाश को बंद करके दफनाया गया था. मौके पर जांच के दौरान साफ हुआ कि ऐसा कुछ नहीं था.