अयोध्या के भव्य राम मंदिर में पहली बार ऐसे मनाई जा रही रामनवमी: सूर्य तिलक, राम धुन, सुबह 3 बजे से भक्तों की भीड़

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ABC NEWS: आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. रामलला का सूर्याभिषेक होगा. इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है.

रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. ऐसे में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक किया जाएगा.

राम भक्तों में रामलला के दर्शन को लेकर खासा उत्साह है. भक्त बड़े पैमाने पर रामनवमी के मौके पर सरयू नदी में आस्था और श्रद्धा की डुबकी लगा रहे हैं. रामनवमी के मौके पर भक्तों ने बुधवार तड़के ही राम मंदिर पहुंचना शुरू कर दिया था. इस दौरान जयश्रीराम के जयकारे से आसमान गूंज उठा है.

अयोध्या नगरी रामधुन से सराबोर हो चुकी है. इसे लेकर पुलिस ने सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. भक्तों ने रात में ही अयोध्या नगरी पहुंचकर स्नान और पूजा अर्चना की तैयारियां शुरू कर दी थी. यहां सबसे पहले सरयू घाट पर सरयू आरती की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

कैसा होगा रामलला का सूर्यतिलक?
राममलला के सूर्यतिलक के दौरान भक्तों को राम मंदिर के भीतर जाने की मंजूरी दी जाएगी. सूर्यतिलक के लिए मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 100 एलईडी लगाई हैं जबकि सरकार की ओर से 50 एलईडी की व्यवस्था की गई है. इनके जरिए रामनवमी के जश्न को दिखाया जाएगा. रामलला की मूर्ति के सूर्याभिषेक का नजारा बहुत अद्भुत होगा.

ठीक 12 बजे रामलला की मूर्ति के ललाट पर पांच मिनट के लिए सूर्य की किरणें पड़ेंगी. लेंस और शीशे से टकराकर किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंचेंगी. इसे लेकर वैज्ञानिकों की टीम ने पूरी व्यवस्था कर रखी है.

रामलला को चढ़ाया जाएगा 56 तरह का भोग
रामनवमी की विशेष पूर्जा के लिए 56 तरह का भोग तैयार किया गया है. इस विशेष भोग को रामलला को चढ़ाया जाएगा. यह भोग भक्तों को भी दिया जाएगा.  रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामनवमी को लेकर ट्रस्ट ने हर तरह की तैयारियां की हैं. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्याभिषेक होगा.

राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि हमने रामनवमी के मौके पर रामलला के दर्शन करने वाले भक्तों को लेकर सभी व्यवस्थाएं की हैं. सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर दोपहर 12.16 बजे पड़ेंगी. हमने इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की है. भगवान राम का सूर्य अभिषेक विज्ञान के फॉर्मूले के तहत किया जाएगा. वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया था और इसका बीते दिनों ट्रायल भी किया गया जो सफल रहा था. रामनवमी के मौके पर इसी के जरिए रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया जाएगा. इस पल का साक्षी देश दुनिया में बैठे रामभक्त भी बनेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे रामलला विराजमान हो चुके हैं. रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है. पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आजहमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है. यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पावन पर्व हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देता है. निस्वार्थ प्रेम, पराक्रम और उदारता के उच्चतम आदर्श स्थापित करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का संपूर्ण जीवन मानव जाति के लिए प्रेरणास्रोत है. आज के शुभ दिन हम ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लें जहां सबका जीवन गरिमापूर्ण हो और सर्वत्र समृद्धि का संचार हो.

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि भारत के प्राण, सनातन जगत की सकल आस्था के केंद्र, हमारे आराध्य, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पावन अवतरण दिवस ‘श्री राम नवमी’ की समस्त प्रदेश वासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! शताब्दियों की प्रतीक्षा के उपरांत श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला का निर्मित नव्य, भव्य, दिव्य मंदिर कोटि-कोटि रामभक्तों और मानव सभ्यता को हर्षित, गर्वित कर रहा है.

कैसा है राम मंदिर?
अयोध्या में राम मंदिर को पारपंरिक नागर शैली में बनाया गया है. मंदिर 2.7 एकड़ में बना है. ये तीन मंजिला है. इसकी लंबाई 380 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर का प्रवेश द्वार ‘सिंह द्वार’ है. राम मंदिर में कुल 392 पिलर हैं. गर्भगृह में 160 और ऊपर में 132 खंभे हैं. मंदिर में 12 प्रवेश द्वार होंगे. सिंह द्वार के जरिए जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे, सामने आपको नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप भी दिखेगा. मंदिर परिसर में सूर्य देवता, भगवान विष्णु और पंचदेव मंदिर भी बन रहा है.

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