ABC NEWS: सांसद सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने सरकारी बंगला खाली कर दिया है. उन्होंने 12, तुगलक लेन बंगले की चाबी अधिकारियों को सौंप दी है. वो बीते 19 साल से इस घर में रह रहे थे.
बंगला खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैंने ‘सच बोलने की कीमत चुकाई’ हैं’ उन्होंने बंगला खाली करने के बाद कहा कि हिन्दुस्तान की जनता ने उन्हें यह घर दिया था जहां वो 19 साल से रह रहे थे.
वहीं उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘भाई ने जो बोला वो सच है. उन्होंने सरकार के खिलाफ बोला इसलिए ये सब हो रहा है वो बहुत हिम्मत वाले हैं. मैं भी उनके साथ हूं.’
अब मां के साथ रहेंगे राहुल गांधी
सूत्रों ने कहा कि अपना घर बदलने के बाद राहुल गांधी अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित आवास पर रहेंगे. उन्होंने बंगाल खाली करने से पहले ही 14 अप्रैल को अपने दफ्तर और कुछ निजी सामानों को मां सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास में शिफ्ट कर दिया था.
क्यों रद्द हुई थी राहुल गांधी की सांसद सदस्यता
बता दें कि सूरत कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में बीते दिनों राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दी थी. राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे.
जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है.
किसने किया था मानहानि का केस
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?”
राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?