ABC NEWS: मोदी सरनेम केस में आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि की याचिका को खारिज कर दिया है. राहुल गांधी को अब राहत के लिए हाईकोर्ट का रुख करना होगा. राहुल गांधी को यदि तीन दिन के भीतर राहत नहीं मिली तो जेल जाने का खतरा भी उत्पन्न हो जाएगा. सीजेएम कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाते हुए सजा को एक महीने के लिए निलंबित किया था, जिसकी मियाद पूरी होने में अब तीन दिन (23 अप्रैल) का वक्त ही बचा है.
राहुल गांधी को सूरत की सीजेएम कोर्ट में 23 मार्च को दोषी करार दिया गया था. राहुल को 2 साल की सजा सुनाया गया था. हालांकि, जज ने राहुल को थोड़ी राहत देते हुए सजा को 30 दिन के लिए निलंबित रखा था और उन्हें जमानत दे दी थी. राहुल गांधी को सजा पर रोक के लिए इस मियाद में ऊपरी अदालत से राहत पाना होगा. सेशंस कोर्ट से उनकी याचिका खारिज हो जाने के बाद अब उनके पास वक्त बेहद कम बचा है. राहुल गांधी की लीगल टीम का कहना है कि हाई कोर्ट जाने के लिए उनकी अर्जी तैयार है और शुक्रवार को ही इसे दायर किया जा सकता है.
राहुल गांधी को यह सजा भाजपा नेता पूर्णेश मोदी की ओर से दर्ज कराए गए केस में मिली है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक में भाषण देते हुए मोदी सरनेम को लेकर विवादित बात कही थी. उन्होंने ललित मोदी, नीरव मोदी आदि का नाम लेते हुए पूछा था कि इन सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों है. पूर्णेश ने इसे सभी मोदी का अपमान बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. राहुल गांधी ने सजा के बाद 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में राहत के लिए याचिका दायर की थी.
2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. उन्हें बंगला भी खाली करना पड़ा है. नियम के मुताबिक राहुल गांधी अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं. सदस्यता वापस पाने के लिए राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत प्राप्त करना होगा. सेशंस कोर्ट से झटका लगने के बाद राहुल के सामने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है. हालांकि, सजा पर निलंबन का वक्त खत्म होने वाला है, इसलिए पूर्व सांसद की लीगल टीम को जल्द राहत की कोशिश करनी होगी.