अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारियां शुरू: सरयू किनारे 51 घाट, 27 लाख दीये, 1 लाख लीटर तेल

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ABC NEWS: जनवरी 2024 में अयोध्या में तक जन्मभूमि मंदिर के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं. पर उससे पहले पड़ने वाला दीपोत्सव इस बार ऐतिहासिक होगा. अयोध्या के घाट ही नहीं मठ मंदिर भी दीयों की रोशनी से जगमगा उठेंगे. दीपोत्सव के लिए योजना पर कार्य शुरू हो गया है. इस बार 27 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है जो पहले से कहीं ज़्यादा होगा. इसके साथ ही उन दीयों में लगाने के लिए 30 लाख बाती की व्यवस्था भी की जा रही है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महा उत्सव से पहले पड़ने वाला इस बार का दीपोत्सव यादगार होगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं. इस बार दीपोत्सव 11 नवम्बर को है. इस बार 27 लाख दीयों से पूरी अयोध्या जगमग होगी. हर बार की तरह इस बार भी अवध विश्वविद्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है.अवध विश्वविद्यालय ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है.अयोध्या के 51 घाटों पर दीये जलाए जाएंगे.अयोध्या का दीपोत्सव हर बार पहले से ज़्यादा भव्य तो होता ही राजभवन साथ हाई हर बार पहले का रिकॉर्ड भी टूटता रहा है.

इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए 24 लाख दीये जलाने की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि रिकॉर्ड के लिए 24 लाख दीये तय किए गए हैं. लेकिन इससे कहीं ज़्यादा 27 दीये जलाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके पीछे वजह ये है कि अगर रिकॉर्ड की ज़रूरत के मुताबिक़ कुछ दीये निर्धारित अवधि से पहले बुझ भी जाएं तो भी रिकॉर्ड पूरा हो. साथ ही सभी 51 घाट दीयों की रोशनी में जगमगाएं.रिकॉर्ड में शामिल होने के लिए दीये का 30 मिनट -40मिनट तक जलना ज़रूरी है.

30 लाख बाती और 1 लाख लीटर तेल से जगमगाएंगे दीये 
दीपोत्सव के लिए नोडल एजेंसी अवध विश्वविद्यालय ने नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र के नेतृत्व में योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके मुताबिक़ 27 लाख दीये जलाए जाएंगे. इसके लिए 1 लाख लीटर सरसों का तेल लगेगा जिससे ये दीये क़रीब 45 मिनट तक जगमगाएंगे. इसके साथ ही दीयों में लगाने के लिए क़रीब 30 लाख बाती भी होगी.अवध विश्वविद्यालय के छात्र वॉलेंटीयर के रूप में इन दीयों को सरयू के घाट पर सजाने और इसमें बाती लगाने का काम करेंगे.सरयू के सभी घाटों की साफ़ सफ़ाई और वहाँ व्यवस्था की जिम्मेदारी अयोध्या नगर निगम कर रहा है. तैयार योजना के अनुसार हर दीये में  40 मिलीलीटर सरसों का तेल डाला जाएगा.ये काम भी अवध विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के ज़िम्मे होगा.

राम की पैड़ी पर रामकथा का दिखेगा अद्भुत नज़ारा 
यूं तो सरयू नदी के सभी 51 घाटों पर दीये लगाए जाएंगे पर हर बार की तरह मुख्य समारोह और आयोजन राम की पड़ी पर होगा. इसके लिए राम की पैड़ी पर विशेष डिज़ाइन तैयार किया जा रहा है. अवध विश्वविद्यालय के फ़ाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्रों और शिक्षकों को इसके लिए जिम्मेदारी दी जाएगी.राम की पैड़ी पर राम कथा से सम्बंधित दृश्यों की आर्ट लाइन तैयार की जाएगी. पहले उसको तैयार किया जाएगा और फिर उसके अनुसार दीये सजाए जाएंगे. इससे राम कथा के प्रसंग और दृश्य दीयों के माध्यम से दिखाई देंगे.

25 हज़ार छात्रों को बनाया जाएगा वॉलेंटियर
इस बार ये लक्ष्य रखा गया है कि अक्टूबर में ही ले आउट डिज़ाइन और दूसरी व्यवस्था का काम पूरा कर लिया जाए.इसके लिए दीपोत्सव से चार दिन पहले ही सभी तैयारियों को पूरा कर लिया जाएगा. जबकि प्लानिंग की सारी तैयारी 20 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी. राम की पैड़ी में 14x 14 के ब्लॉक्स बनाए जाएंगे. हर ब्लॉक में 196 दीये सजाए जाएंगे. इस बार 25 हज़ार छात्रों को वॉलेंटियर बनाया जाएगा.ये छात्र अवध विश्वविद्यालय के अलावा सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के होंगे.जबकि अयोध्या के इंटर कॉलेजों के छात्रों को भी वॉलेंटियर बनाया जाएगा.

दीपोत्सव की तैयारी में ज़िला प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे जबकि अलग अलग विभागों और प्रतिनिधियों की 22 समितियां भी बनायी गयी हैं. 2022 में 15 लाख 76 हज़ार दीये जलने का कीर्तिमान गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ हुआ था.

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