भारत में दशहरा हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन ही राम भगवान ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को लंका से मुक्त कराया था. दशहरे पर हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है. दशहरे का उत्सव केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता और सत्य की विजय को भी दर्शाता है.
कब है मुहूर्त
12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दशमी तिथि शुरू होगी जो 13 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. लेकिन उदयातिथि के आधार पर, दशहरा 12 अक्तूबर यानी शनिवार को ही मनाया जाएगा. यह दिन विशेष रूप से रावण दहन, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
पूजन के लिए सबसे शुभ समय सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक है. इसके अलावा, दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 49 मिनट तक का समय भी पूजन के लिए उत्तम माना गया है. वहीं, अपराह्न पूजा का समय 1:17 बजे से 3:35 बजे तक रहेगा, जिसमें देवी अपराजिता की पूजा की जाती है.
रावण दहन का समय
रावण दहन दशहरे का मुख्य आकर्षण है. रावण का दहन प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है. इस साल रावण दहन का सही समय शाम 5 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूरे भारत में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराई के अंत का जश्न मनाया जाएगा.
दशहरा पूजा विधि
दशहरे के दिन पूजा करने के लिए घर पर एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. फिर चौकी पर भगवान राम और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर गणेश जी की स्थापना करें. फिर नवग्रहों की पूजा करें और इष्ट देवता की आराधना करें. लाल फूल और गुड़ से बने पकवानों का भोग लगाएं. पूजा समाप्त होने के बाद दान-दक्षिणा करें और धर्म ध्वजा के रूप में विजय पताका अपने पूजा स्थल पर लगाएं.
दशहरा के असरदार उपाय
1. नौकरी और कारोबरा में सफलता के लिए दशहरे के दिन ‘ऊं विजयायै नम:’ मंत्र का जाप करें. मां दुर्गा को 10 फल अर्पित करें और फिर इन्हें गरीबों में बांट दें. इससे आपकी परेशानियां दूर होंगी और सफलता मिलेगी.
2. सुख-समृद्धि के लिए शाम के समय मां लक्ष्मी का ध्यान कर किसी मंदिर में झाड़ू दान करें।. इस उपाय से आपके घर में धन-समृद्धि का वास होगा और परिवार में खुशहाली आएगी.
3. आर्थिक तंगी दूर करने के लिए दशहरे के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. यह उपाय आपके लिए सौभाग्य लाएगा. इसके साथ ही, सुंदरकांड का पाठ करने से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में शांति आती है.