ABC NEWS: मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. दिल्ली से छोड़े गए पानी का असर श्री कृष्ण की नगरी में व्यापक रूप में दिखाई देने लगा है. यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है. नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से किनारे रहने वाले निचले इलाकों के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. जिला प्रशासन भी यमुना में पल पर बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए पूरी तरह से सजग और सतर्क है. 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यमुना का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है.
अब साल 1978 जैसे हालातों को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. जलस्तर के खतरे के निशान को पार कर देने के बाद मथुरा-वृंदावन के कुछ रिहायशी इलाकों में यमुना का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, शेरगढ़ मार्ग पर ही यमुना का पानी सड़कों पर आ गया है.
इसको देखते हुए मथुरा जिलाधिकारी (DM) पुलकित खरे ने महादेव, बंगाली, विश्राम समेत तमाम घाटों का निरीक्षण किया. उन्होंने घाटों और घाटों के नजदीक रहने वाले लोगों से यमुना का जल स्तर बढ़ने संबंधी जानकारी ली और उनसे आव्हान किया अगले 24 घंटे तक नदी के आसपास न जाएं.
जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हैं यमुना के घाटों के पास बैरीकैटिंग, टीनशेड आदि लगवाएं. पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले 24 घंटे तक यमुना के घाटों का निरतंर भ्रमण करते रहें और पब्लिक सिस्टम के माध्यम से लगातार एनाउंसमेंट करते रहें.
जिलाधिकारी ने सभी नाव संचालकों से कहा कि अगले 24 घंटे तक कोई भी व्यक्ति यमुना में नाव न चलाए. 24 घंटे के लिए नाव, स्टीमर आदि को यमुना में चलाने के लिए प्रतिबंधित किया गया है. यदि कोई नाव या स्टीमर चलाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी ने जनपदवासी, पर्यटक, महिला, बच्चे और वृद्ध से अपील की है कि यमुना तथा नदियों के आसपास न जाएं और सावधान रहें. यमुना का जल स्तर अगले 24 घंटे तक बढ़ेगा तथा उसका वहाव भी तेज है. डीएम ने घाटों के आसपास दुकानदारों से समस्याएं सुनीं और यमुना का जल स्तर पहले कब इतना बढ़ा था, इसकी जानकारी ली. साथ कहा कि किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और दिल्ली से जानकारी ले रहा है और उसी के क्रम में आवश्यक कार्यवाही भी जारी है. संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों में बाढ़ चैकियां स्थापित की गई हैं और चैकियों पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं.