कानपुर कांड पर मंत्री पति का शर्मनाक बयान- ‘औरतों में होती है आग लगाने की टेंडेंसी

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ABC NEWS: कानपुर देहात में बुलडोजर एक्शन के दौरान मां-बेटी की मौत पर शुरू हुई राजनीति और विवादित बयानों का दौर थम नहीं रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने विवादित बयान देते हुए कहा कि इस मामले में सरासर गलती उस परिवार की थी, जिसकी बेटी और बहन की मृत्यु हो गई.

पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने कहा कि सर्वोच्च अधिकारियों ने दबाव में आकर निर्दोष लोगों के ऊपर ही गलत कार्रवाई कर दी. अनिल ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने तथ्यों को जानते हुए भी कानून के मुताबिक काम नहीं किया, बल्कि वोट बैंक को साधने के लिए गलत काम करने वालों को भी मुआवजा दे दिया.

राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला यहीं नहीं रुके और कहा कि औरतों के अंदर आग लगाने की टेंडेंसी होती है. अनिल शुक्ला वारसी ने दावा किया कि मां-बेटी ने सुसाइड किया है. पीड़ित परिवार पर आरोप लगाते हुए अनिल शुक्ला ने कहा कि उन्होंने वहां अवैध कब्जा कर रखा था, गलत काम करते थे, उसके बाद सुसाइड कर ली.

पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के दौरान अपनी ड्यूटी का पालन कर रहे भोले लोगों को जेल भेजा जा रहा है, आरोपियों को मुआवजा मिल रहा, उसको मनाने में लग जाओ, उसको पैसे दो, फिर एफआईआर करो उन पर जिनकी कोई गलती नहीं है, जो अपनी ड्यूटी का पालन कर रहे हैं, उनको आप जेल भेज दो.

पूर्व सांसद अनिल शुक्ला और उनकी पत्नी व मंत्री प्रतिभा शुक्ला (फाइल फोटो)अनिल शुक्ल वारसी पूर्व सांसद हैं. उन्होंने 2007 में बसपा के टिकट पर बिल्हौर से लोकसभा उपचुनाव जीता था. 2014 में भी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. वारसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ला, योगी सरकार में महिला कल्याण मंत्री हैं.

हालांकि, इसके पहले उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण और बाल विकास राज्‍य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने मां-बेटी की मौत के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया था. प्रतिभा शुक्ला ने दावा किया था कि डीएम ने पीड़ितों की मदद करने से इनकार कर दिया था. शुक्ला ने कहा था कि यह घटना बहुत दुखद है और उन्हें मां-बेटी की जान नहीं बचा पाने का पछतावा भी हुआ.

घटनास्थल का दौरा करने वाली पहुंचीं मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा था कि वह लगभग एक महीने पहले घटनास्थल (पीड़ितों के घर) गई थीं, जब पीड़ितों के फूस के घर को तोड़ा जा रहा था. उन्होंने कहा था, ‘मैंने जिलाधिकारी नेहा जैन से बात की, जिन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने और परिवार को न्याय दिलाने में मदद करने का आश्वासन दिया था.’

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