ABC NEWS: इस बार सावन के महीने में अधिक मास पड़ रहा है, जिसकी वजह से सावन का महीना पूरे दो माह का होने वाला है. सावन के महीने में ही देवी पार्वती की पूजा-अर्चना करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सावन अधिक मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई यानी कि आज रखा जा रहा है. वैसे सावन मास का यह चौथा मंगला गौरी व्रत है. इस महीने पूरे 9 मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं. ये व्रत हर सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए करती है. इस दौरान विशेष योग भी बन रहे हैं. आइए जानते हैं इस विषय में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त और तिथि
सनातन धर्म में मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार 25 जुलाई 2023 को श्रावण अधिक मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है. आज के दिन सिद्ध और साध्य योग का निर्माण हो रहा है. दोपहर 3:01 बजे सिद्ध योग बन रहा है और साध्य योग इसके बाद शुरू हो जाएगा. इसके अलावा आज सुबह 5:58 बजे से दोपहर 3:09 बजे तक द्विपुष्कर योग भी बना है.
मंगला गौरी व्रत के मंत्र
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
2. ओम उमामहेश्वराय नम:।
3. ह्रीं मंगले गौरी विवाहबाधां नाशय स्वाहा।
अधिक मास मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
सीधे हाथ में जल लेकर मन ही मन व्रत करने का संकल्प लें.
इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
अब माता पार्वती को लाल रंग के वस्त्र और सुहाग का सामान अर्पित करें.
देवी पार्वती के समक्ष घी का दीपक जलाएं, उसके बाद पूजा की सारी सामग्री मां गौरी के समक्ष अर्पित करें.
अब मंगला गौरी व्रत की कथा सुनें, फिर आरती करें.
अंत में भगवान शिव और माता पार्वती से पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की मनोकामना करें.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी