ABC News : ( ट्विंकल यादव ) रिजर्व बैंक ने एक और सरकारी बैंक को बंद करने की घोषणा कर दी है। पिछले कुछ दिनों से आरबीआई लगातार बैंकों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। ग्राहकों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए केन्द्रीय बैंक ने महाराष्ट्र के एक सहकारी बैंक का लाइसेन्स रद्द किया है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से समय-समय पर बैंकों को लेकर कई फैसले लिए जाते रहे हैं. बैंक के द्वारा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में जमाने के साथ-साथ बैंकों का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाता है. एक बार फिर से इसी तरह की घटना सामने आई है जिसमें 25 सितंबर को आरबीआई ने The Kapol Co-operative Bank का लाईसेंस रद्द कर दिया है. यह बताया गया है कि बैंक अपना काम अब नहीं कर पाएगा. प्रेस रिलीज में इस बात की जानकारी दी गई है. जिन भी ग्राहकों का इस बैंक में अकाउंट होगा, उन लोगों को परेशानी हो सकती है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं, जिसकी वजह से ही आरबीआई ने यह फैसला लिया है. इस फैसले के बाद करीब 42,000 खाताधारकों की 150 करोड़ से ज़्यादा की जमाराशि अटकी है.
ग्राहकों को मिलेंगे 5 लाख रुपये
रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि पाने का हकदार होगा. इस तरह बैंक के लगभग 96.09 प्रतिशत जमाकर्ताओं को DICGC से अपनी पूरी जमा राशि पाने का हक होगा.
(DICGC) को रिफंड करनी होगी रकम
बैंक की फिक्र ये है कि ये रकम DICGC को रिफंड करनी होगी, यानी रिकवरी से आये पैसे जमाकर्ताओं के बजाये DICGC को देने पड़ेंगे. ऐसे में बैंक अब इन नियमों में थोड़े बदलाव की आस में है.