ABC News: (सुनील तिवारी) जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के हमले में कानपुर के चौबेपुर स्थित भाऊपुर माधोसिंह गांव का लाल करन यादव बलिदान हो गया. देर रात करन की पत्नी के पास सैन्य अफसरों का फोन आया, जिसमें उसके पैर में गोली लगने की बात बताई गई.
इसके बाद सुबह करन के बलिदान होने की खबर जैसी ही मिली, पूरे परिवार में कोहराम मच गया. इसके बाद बलिदानी के घर पर एसडीएम बिल्हौर समेत अन्य अफसर भी पहुंचे. उधर, करन के बलिदान होने की सूचना मिलते ही उसके घर पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. परिजनेां, रिश्तेदारों के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग बलिदानी के घर पहुंचना शुरू हो गए और परिजनों को ढांढस बंधाया.
परिजनों ने बताया कि करन की वर्तमान में पोस्टिंग कश्मीर के पुंछ जिले में थी. गुरुवार को आतंकियों के क्षेत्र में होने की सूचना पर वह अपने साथी जवानों के साथ कॉम्बिंग पर निकले थे. आतंकियों ने उनकी गाड़ी पर अचानक हमला बोल दिया. इसमें करन यादव समेत पांच जवान बलिदान हो गए. करन के पिता बलराम यादव किसान हैं.
पत्नी अंजू के अलावा एक बेटी आर्या और बेटा आर्यन है. बताया गया कि बच्चों की पढ़ाई की वजह से अंजू रामादेवी के पास किराए के मकान में रहती हैं. पति के बलिदान होने की सूचना पर वह अपने पिता और बच्चों के साथ गांव पहुंच गई. पिता ने बताया कि शुक्रवार सुबह बेटे के एक साथी ने फोन करके घटना की जानकारी दी.
परिवार वाले लगातार सेना के अधिकारियों के सम्पर्क में हैं. इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा रहा. पिता ने बताया कि उनके दो पुत्र हैं, जिसमें करन सेना में लांसनायक के तौर पर भर्ती हुआ था. सितंबर में करन आखिरी बार अपने घर आया था.