ABC News: कानपुर में झाड़-फूंक के बहाने महिला को घर से ले जाकर हत्या करने वाले को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट संतोष कुमार तिवारी ने उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.
अशोकनगर निवासी झवनी के मकान में कन्नौज के ठठिया निवासी रामप्रकाश उर्फ बाबा रहकर राजमिस्त्री का काम करता था. रामप्रकाश के दोस्त बिधनू निवासी महेश चंद्र उर्फ बंटा का भी घर आना-जाना था. झवनी की पत्नी श्यामादेवी को चक्कर आते थे. डॉक्टर के इलाज से ठीक न होने पर रामप्रकाश ने झाड़-फूंक कराने की बात कही और 10 मार्च 1998 की रात श्यामादेवी को रामप्रकाश और महेश ले गए, लेकिन देर रात तक श्यामा लौटी नहीं. 17 मार्च को झवनी ने कल्याणपुर थाने में रामप्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 23 मार्च को क्षेत्र के सुखलाल को जंगल में महिला की सड़ी लाश मिली थी. उसने कल्याणपुर थाने में सूचना दी. झवनी ने कपड़ों को देखकर शव की शिनाख्त श्यामादेवी के रूप में की थी. एडीजीसी गौरेंद्र त्रिपाठी व विशेष लोक अभियोजक प्रदीप पचौरी ने बताया कि आशनाई के चक्कर में श्यामादेवी की हत्या की बात सामने आई थी. विवेचना के बाद पुलिस ने रामप्रकाश व महेश के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी थी. अभियोजन की ओर से सात गवाह पेश किए गए. सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने रामप्रकाश को हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई. मुकदमे की सुनवाई के दौरान महेश की मौत हो चुकी है.