ABC News: तमाम कयासों के बाद कानपुर नगर निगम की महापौर सीट एक बार फिर से महिला के लिए आरक्षित होगी. इसके बाद यह लगभग तय हो गया है कि कानपुर को इस बार तीसरी महिला महापौर मिलेगी. वैसे देखा जाए, तो पिछली दो महिला महापौर भी भाजपा की हुई हैं. महापौर की आरक्षण सूची जारी होने के बाद अब दावेदारों ने अपनी दौड़भाग तेज कर दी हैं. निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय भी दूसरी बार टिकट हासिल करने के लिए जुट गई हैं.
नगर निगम चुनाव की ओर टकटकी लगाए सभी पार्टी के दावेदार इस आस में थे कि इस बार कानपुर की महापौर सीट, सामान्य हो सकती है लेकिन आरक्षण को लेकर फंसे पेंच के साफ होने के बाद गुरूवार को जब शासन से महापौर सीट को लेकर सूची जारी हुई तो कानपुर के खाते में फिर से महिला महापौर का आरक्षण आया. हालांकि, आरक्षण सूची जारी होने के बाद शासन ने आपत्तियां भी मांगी है लेकिन कानपुर को लेकर किसी प्रकार का गतिरोध होगा, इसकी आशंकाएं कम ही दिखाई पड़ रही हैं. इस बीच, आरक्षण सूची जारी होने के बाद उन नेताओं को झटका लगा है, जो विभिन्न दलों से अपनी टिकट को करीब करीब पक्का मानकर चल रहे थे. हालांकि, बदली हुई परिस्थितियों में यह दावेदार अब पत्नी को टिकट दिलाने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. खासतौर पर कांग्रेस और भाजपा में तो दावेदारों ने पालेबंदी करनी शुरू भी कर दी है. बात अगर भाजपा की हो, तो यहां पर महिला दावेदारों की कमी नहीं है. निवर्तमान महापौर जहां दूसरी बार टिकट को लेकर तेजी दिखा रही हैं, वहीं उनकी कई अन्य दावेदार भी इस रेस में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस में इस बार किसे टिकट मिलेगा, यह देखने वाला विषय होगा. हालांकि, कांग्रेस की पिछली प्रत्याशी निकाय चुनाव की सरगर्मियों के बीच सक्रिय हो गई हैं. उन्होंने अपने पति संग होर्डिगों का जाल भी बिछाना शुरू कर दिया है लेकिन चर्चा है कि पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव आजमा सकती है. ऐसे में पार्टी ने कौन सा ऐसा चेहरा होगा, इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो चुका है. सपा और बसपा के अलावा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की तरफ भी निगाहें लगी हुई हैं. बात अगर महिला महापौर की हो तो कानपुर में अब तक दो ही महिला महापौर पद पर जीती हैं. दोनों ही महिला महापौर भाजपा की हुईं. इसमें पहली सरला सिंह और दूसरी प्रमिला पांडेय हैं.
रिपोर्टः सुनील तिवारी