ABC News: नौबस्ता थाना क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा में रमा अवस्थी के लॉकर से डेढ़ करोड़ के जेवर चोरी होने की खबर सुनकर शनिवार सुबह से ही ग्राहकों ने बैंक पहुंचना शुरू कर दिया. बैंक बंद होने की जानकारी पर उपभोक्ताओं ने बैंक खुलवा कर लॉकरों की जांच कराने की मांग करते हुए हंगामा किया. उपभोक्ताओं ने शाखा प्रबंधक लापरवाही का आरोप लगाया.
नौबस्ता बसंत विहार निवासी रमा अवस्थी शुक्रवार को अपनी बेटी श्रद्धा के साथ किदवई नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में अपने लॉकर की जांच करने पहुंची थी, जहां उनके लॉकर से डेढ़ करोड़ के जेवर गायब मिले थे. शनिवार को अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद बैंक के अन्य लॉकर धारकों में खलबली मच गई. शनिवार सुबह ही बैंक ग्राहक लॉकरों की जांच के लिए बैंक पहुंचे, लेकिन शनिवार होने के कारण बैंक बंद होने की जानकारी पर ग्राहकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. लॉकर धारकों ने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के कारण बैंक कर्मियों को उपभोक्ताओं की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए लॉकरों की जांच के लिए बैंक खोलना चाहिए था, जिससे लॉकरों को चेक किया जा सकता था. हंगामे की सूचना पर नौबस्ता थाने से पुलिस मौके पर पहुंची और उपभोक्ताओं को सोमवार को आने पर लॉकर चेक करवाने का आश्वासन दिया. थाना प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि बैंक बंद होने के कारण दो पुलिस कर्मियों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैंक के बाहर तैनात किया गया था. उपभोक्ताओं को बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में लॉकर चेक कराए जाएंगे. बैंक उपभोक्ता आलोक सिंह ने बताया कि उनकी मां के नाम से बैंक में उनका लॉकर है. लॉकर टूटने की जानकारी पर वह लॉकर की जांच करने आए है, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड बैंक के अंदर नहीं जाने दे रहे है. शाखा प्रबंधक को फोन कर रहे है, लेकिन वे फोन नहीं उठा रहे. उन्होंने कहा कि अगर उनका लॉकर टूटा मिला तो बैंककर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगें. लॉकरधारक रमा अवस्थी ने बैंक के लॉकर से जेवर चोरी होने के मामले में बैंक प्रबंधक व बैंक के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया. रमा ने बताया कि लॉकर की संपूर्ण जिम्मेदारी शाखा प्रबंधक की होती है. बिना बैंक कर्मियों की मिली भगत के धटना को अंजाम देना मुश्किल है.