ABC News: कानपुर में हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर कार्डियोलॉजी आने और टेनेक्टाप्लेस का इंजेक्शन लगने से 74 में से 62 रोगियों की जान बच गई. इस दवा का इंजेक्शन कार्डियोलॉजी में निशुल्क लगता है. इसे शासन ने इंस्टीट्यूट को निशुल्क उपलब्ध कराया है. निजी क्षेत्र में टेनेक्टाप्लेस के इस इंजेक्शन की कीमत 24 हजार रुपये से अधिक है.
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि शासन ने इंजेक्शन उपलब्ध कराया है. इसे निशुल्क लगाया जा रहा है. यह जीवन रक्षक दवा है. लेकिन हार्ट अटैक पड़ने के छह घंटे के अंदर यह इंजेक्शन लग जाने पर ही फायदा मिलता है. ज्यादा समय बीत जाने पर यह अधिक कारगर नहीं होता. उन्होंने बताया कि टेनेक्टाप्लेस नसों में जमा खून का थक्का गलाने के काम आता है. इसके लगने से खून का थक्क गलता है और खून का बहाव तेज हो जाता है जिससे रोगी की जान बच जाती है. कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में एक से आठ जनवरी के बीच 39 हार्ट अटैक के रोगी गोल्डन आवर में आए. इन्हें निशुल्क इंजेक्शन लगाया गया. 31 रोगियों की जान बच गई और अति गंभीर हालत वाले आठ रोगियों की मौत हो गई. इन 39 रोगियों के शरीर का वजन 60 किग्रा से कम था. सोमवार को इस श्रेणी के पांच रोगी गोल्डन आवर में आ गए. इनमें सभी की जान बच गई. इसी तरह 60 किग्रा से अधिक वजन वाले 35 हृदय रोगी कार्डियोलॉजी में आए. गोल्डन आवर में उन्हें यह इंजेक्शन लगाया गया. इनमें 31 की जान बच गई. अतिगंभीर अवस्था वाले चार रोगियों की मौत हो गई. सोमवार को इस श्रेणी के तीन रोगी और सभी की जान बच गई. डॉक्टरों ने बताया कि शरीर के वजन के हिसाब से दवा की खुराक कम और ज्यादा हो जाती है.