ABC News: कानपुर के सरसैया घाट से गंगा बैराज-शुक्लागंज के बीच प्रस्तावित छह लेन के पुल का प्रस्ताव सिरे चढ़ने से पहले ही लटक गया है. करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपये के इस पुल के निर्माण से उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने हाथ खींच लिए हैं.
प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि जितनी लागत से सिर्फ कानपुर से ट्रांसगंगा सिटी को लिंक किया जाएगा, उतने कई औद्योगिक साइटों को विकसित किया जा सकता है. यूपीसीडा की ट्रांसगंगा सिटी परियोजना को कानपुर शहर से जोड़ने के लिए गंगा पर 2018 में पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. तत्कालीन अधिकारियों ने प्रोजेक्ट पर हामी भरी. इस बीच कोरोना आ गया और प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई. साल भर पहले मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति ने फिर से प्रयास शुरू किए. पीडब्ल्यूडी के जरिये प्रोजेक्ट तैयार कराया गया और सर्वे पर भी पैसा खर्च किया. वर्तमान में प्राधिकरण की प्राथमिकता ग्लोबल इनवेस्टर मीट और निवेशकों के लिए ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र तैयार करने की है. ऐसे में प्रोजेक्ट की राशि साढ़े चार सौ करोड़ पहुंचने के बाद यूपीसीडा ने हाथ खींच लिए हैं. लक्ष्य यह था कि इस पुल के जरिये न सिर्फ शुक्लागंज उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली से आने वाले वाहनों को शहर में दाखिल होने का वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा, बल्कि ट्रांसगंगा सिटी सीधे शहर से जुड़ जाएगी. इसको लेकर यूपीसीडा अफसरों का कहना है कि पुल से सिर्फ यूपीसीडा या ट्रांसगंगा सिटी को ही नहीं बल्कि शहर को भी लाभ होगा. ऐसे में प्रयास किए जा रहे हैं कि पीडब्ल्यूडी या अन्य कोई विभाग भी इस परियोजना में योगदान दे, ताकि इसे सिरे चढ़ाया जा सके. फिलहाल इस प्रोजेक्ट से ज्यादा प्राधिकरण का फोकस ग्लोबल इनवेस्टर मीट पर है. उसके खत्म होने के बाद पुल को लेकर नए सिरे से प्रयास किए जाएंगे.