ABC News: गोविंदनगर के आरके सिंधी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से गर्भवती महिला की जान चली गई. परिजनों का आरोप है कि गर्भवती की मौत के बाद आरोपी डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गया. इस पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और सड़क पर धरने पर बैठ गए. हंगामे की जानकारी पर मौके पर पहुंची गोविंदनगर पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत किया.
औरैया के दिबियापुर निवासी विशाल विश्नोई की पत्नी वर्षा का इलाज गोविंदनगर स्थित आरके सिंधी हॉस्पीटल में चल रहा था विशाल का कहना है कि उनकी गर्भवती पत्नी का इलाज डॉ. रेनू भाटिया की देखरेख में चल रहा था शनिवार को वह रेगुलर चेकअप के लिए पत्नी को अस्पताल लाए थे. डॉक्टर रेनू भाटिया के छुट्टी पर होने के चलते उन्होंने यहां पर तैनात डॉ. नीति सहगल को दिखाया. चेकअप करने के बाद डॉ. नीति सहगल ने पत्नी के पेट में बच्चे का मूवमेंट कम होने की बात कहकर अल्ट्रासाउंड और जांच कराने को कहा. विशाल का कहना है कि अल्ट्रासाउंड और रिपोर्ट नॉर्मल आयीं. फिर भी डॉक्टर के पत्नी को भर्ती करने की बात कही. विशाल का आरोप है कि डॉक्टर ने कहा कि कुछ दवाएं देकर पत्नी की नॉर्मल डिलीवरी कराने का प्रयास किया जाएगा, नहीं तो ऑपरेशन करना होगा. शनिवार शाम को एडमिट कर लिया.
इसके बाद डॉक्टर और स्टाफ पत्नी को डिलीवरी कराने के लिए ऑपरेशन थियेटर के अंदर ले गए. दो घंटे से ज्यादा का वक्त होने के बाद जब उन्होंने पूछताछ की तो जवाब मिला कि पेशेंट की सांस नहीं आ रही है. इस पर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने को कहकर एबुलेंस मंगवाने की बात कही. विशाल ने बताया कि जब वह ऑपरेशन थियेटर के अंदर गए तो देखा कि पत्नी की पल्स जीरो हो चुकी थी और चेहरा और शरीर काला पड़ गया था. इस पर विशाल और परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. विशाल ने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टर और स्टाफ सिर्फ दवाओं का प्रयोग करने में लगे थे. मौके पर पहुंची गोविंदनगर पुलिस को तहरीर दी गई. विशाल का कहना है कि पुलिस ने धारा 304 में केस दर्ज किया है जबकि वह जानबूझकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. इसके बाद रविवार सुबह भी जमकर हंगामा हुआ और परिजन सड़क पर धरने पर बैठ गए. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है.