ABC News: कानपुर में निकाय चुनाव का प्रचार चरम पर पहुंचता जा रहा है. गर्मी के सीजन में बदला मौसम प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए भा रहा है लेकिन वार्डों से ताल ठोंक रहे प्रत्याशियों के मोतीझील पहुंचने की राह में इस बार निर्दलीय या यूं कहे बागी बड़ी मुश्किल बनकर सामने आ रहे हैं. ऐसे प्रत्याशियों का चुनाव चिंह भी इस बार खूब चर्चा में है.
निकाय चुनाव में सिंबल अलॉटमेंट के बाद अब मोहल्लों की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. शहर की सरकार बनाने में 110 वार्डों से प्रत्याशी मोतीझील पहुंचेंगे. इसको लेकर पार्टी प्रत्याशियों के साथ निर्दलीय भी पूरा जोर लगाए हैं. पार्टी प्रत्याशियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द निर्दलीय बनकर सामने आए वह बागी प्रत्याशी हैं, जो कभी उनके साथ झंडा उठाकर चलते थे. इनमें से कई तो पहले पार्षद रह चुके हैं, यह उनका पति या पत्नी पार्षद रह चुके हैं. हर दल में इन्हें मनाने के लिए प्रयास किए गए लेकिन कहीं बात बनीं लेकिन अन्य जगहों पर ऐसे प्रत्याशी कंधे झुकाने के लिए तैयार नहीं हुए. इन प्रत्याशियों ने चुनाव चिंह के रूप में पहली पसंद घंटी से लेकर त्रिशूल था. अब जब चुनाव चिंह आवंटन हो चुका है और प्रत्याशी पूरी ताकत से प्रचार में जुट गए हैं, तो यही घंटी और त्रिशूल, राजनीतिक दलों के अधिकृत चेहरों के लिए मुश्किल बन गया है. लगभग सभी दलों में ऐसी स्थिति है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस भी हो रही है. स्थानीय संगठन को भी सब मालूम है लेकिन फिलहाल एक्शन लेने से परहेज किया जा रहा है. जानकार बता रहे हैं कि सभी दल चुनाव नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. अगर कोई बागी इसमें से चुनाव जीत जाता है, तो उसे अपना बनाने में किसी तरह की हिचक नहीं होगी. नगर निगम सदन में भी पार्टी के पार्षदों की संख्या में इजाफा भी हो जाएगा.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी