ABC News: कपड़ा कारोबारी के बेटे कुशाग्र कनोडिया के अपहरण और हत्या मामले में परिजन पुलिस की भूमिका को लेकर काफी आक्रोशित हैं. पुलिस ने शुरूआत में जिस तरह से पूरा मामला आशनाई से जुड़ा हुआ बताया, उसके बाद परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.
एक दिन पहले भाजपा नेताओं के सामने गुस्सा जाहिर करने के बाद गुरूवार को जब सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी, मोहम्मद हसन रूमी और वकील पीड़ित परिवार के पास पहुंचे तो गम और गुस्से से भरे परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया. इस बीच सपा विधायकों ने फोन से पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की भी कुशाग्र के चाचा से बातचीत कराई. सपा मुखिया से बातचीत करते हुए कुशाग्र के चाचा ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की. इसके अलावा मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी चलाने की मांग की गई. विधायक मो. हसन रूमी ने बताया कि अखिलेश यादव ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए जल्द ही उनसे मुलाकात करने की भी बात कही है. सपा विधायक ने बताया कि परिजनों से सुरक्षा की भी मांग की है. वहीं परिजनों ने कहा कि शुरूआत से ही पुलिस इस मामले में ढिलाई बरते रही. इतने बड़े मामले के बावजूद जेल में बंद आरोपियों से उनके परिजनों की आराम से मिलाई करायी जा रही है. परिजनों ने सपा विधायकों से कहा कि आरोपियों ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र भी लगाया है. यहां पर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कुशाग्र के परिजनों को भरोसा दिलाया कि वह उनका मुकदमा बिना किसी फीस के लड़ेंगे और आरोपियों को सजा दिलवाकर रहेंगे. सपा विधायकों ने कहा कि घटना का पूरा मोटिव साफ है कि अपहरण और हत्या फिरौती के लिए की गई. इसके बावजूद पुलिस की तरफ से मामला डायवर्ट करने की कोशिश चल रही है.