ABC News: कानपुर की बरसात और फिर सड़कों पर लबालब पानी, मानसून के सीजन में स्मार्ट सिटी की यही कहानी बन गई है. शुरूआती मानसून में ही नगर निगम की मशीनरी हांफ गई है, ऐसे में सवाल है कि अभी तो सावन और भादों के महीने भी बाकी है. जब मूसलाधार बारिश होगी तो शहर की सड़कों से लेकर मोहल्लों तक क्या हाल होगा.
कुल मिलाकर बारिश ने आम आदमी की मुसीबतों को बढ़ा दिया है. नकारा व्यवस्था ने इस शहर के साथ ऐसा मजाक किया है, जिसकी गवाही पानी में डूबी सड़कें और परेशान हो रहे राहगीर खुद दे रहे हैं. जलभराव की वजह से बदनाम हो चुका जूही पुल पर फिर से बैरियर लगाकर रास्ता बंद कर दिया.
यहां पर हुई एक युवक की मौत के बाद अब बैरियर का विकल्प ही स्थाई व्यवस्था में तब्दील हो गया है. नगर निगम के पास ऐसा कोई उपाय नहीं है, जिसमें जूही खलवा पुल के जलभराव को दूर किया जा सके.
जूही के अलावा गोविंदनगर और चावला मार्केट भी जलभराव के पर्याय बन चुके हैं. किदवईनगर और साकेतनगर की सड़कें तो नदी में तब्दील हो गई हैं.
यहां पर ऐसा जलभराव हुआ कि कई वाहन तक फंस गए. केवल साउथ सिटी ही नहीं बल्कि मोतीझील, चुन्नीगंज, बकरमंडी, गीतानगर से लेकर सर्वोदयनगर सब जगह एक जैसा हाल, बारिश के बाद जलभराव और उससे जूझकर पार जाते राहगीर, लोग परेशान हैं, सवाल व्यवस्था पर उठा रहे हैं लेकिन इसका हल क्या होगा, शायद इसका जवाब नगर निगम अधिकारियों के पास नहीं है.