ABC News: अपर इंडिया जच्चा-बच्चा अस्पताल में शुक्रवार को वार्ड-6 में भर्ती चार मरीजों को एक्सपायरी डेट (जनवरी-2023) के इंजेक्शन लगा दिए गए. हालांकि सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है. शाम को दोबारा इंजेक्शन लगाते समय एक मरीज ने एक्सपायरी डेट देखकर हंगामा शुरू कर दिया. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रीता गुप्ता ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
स्टोर की जांच करने के साथ ही नर्स, फार्मेसिस्ट सहित 16 कर्मियों से पूछताछ की. उन्होंने एक्सपायरी इंजेक्शन मिलने की बात तो स्वीकारी, पर मरीज को लगाने से इन्कार किया है. कुलीबाजार निवासी गर्भवती को छह फरवरी को जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता की यूनिट में भर्ती होने के बाद गर्भवती का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद उसे वार्ड नंबर-6 में शिफ्ट कर दिया. महिला का पति एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) है. उसने आरोप लगाया कि सुबह पत्नी समेत चार मरीजों को एंटीबायोटिक इंजेक्शन लिंडाजॉल (लिनेजॉलिड) एक्सपायरी डेट के लगाए गए. साथ में मरीजों को एक-एक इंजेक्शन शाम के लिए दिया गया. नर्स जब इंजेक्शन लगाने आई तो उसने एक्सपायरी डेट देखी. इसके बाद मामला अधिकारियों तक पहुंचा. इसके बाद मरीजों को दूसरे इंजेक्शन लगाए गए. इसको लेकर अपर इंडिया जच्चा-बच्चा अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि मरीज के पास जो इंजेक्शन था, वह एक्सपायरी डेट का था. संभव है कि अलमारी में यह इंजेक्शन बच गया हो, जो गलती से दे दिया गया. हालांकि इंजेक्शन लगाया नहीं गया.