ABC News: इथेनॉल उत्पादन पर जोर के साथ गन्ने के अलावा अन्य किस कृषि उत्पादों से इथेनॉल तैयार किया जा सकता है, इसको लेकर तेजी से कवायद की जा रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान गन्ने के अलावा अन्य विकल्पों पर नजर गड़ाए हुए है. राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में हुई अखिल भारतीय गोष्ठी में बताया गया कि गन्ने के अलावा इथेनॉल उत्पादन के लिए चुकंदर एक बेहतर विकल्प है.
एनएसआई मेें शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के साथ हुई गोष्ठी में बायो केमेस्ट्री की आचार्य डॉ. सीमा परोहा ने कहा कि जयवायु परिवर्तन की वजह से कृषि उत्पादन में भी उतार चढ़ाव आ रहा है, ऐसे में यह परिवर्तन कृषि उत्पादों की उपलब्धता को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में गन्ने की अपेक्षा चुकंदर इथेनॉल उत्पादन के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. क्योंकि एक टन चुकंदर से 90 से 100 लीटर इथेनॉल प्राप्त किया जा सकता है और गन्ने की अपेक्षा इसमें सिंचाई में 30 से 40 फीसदी पानी भी कम लगता है और इसकी फसल पांच से छह माह में पक भी जाती है. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत मेें इसकी बुवाई नवंबर में की जाती है और अप्रैल में इसे काट लिया जाता है. चुकंदर की फसल को गन्ने के साथ भी लगाया जा सकता है. इससे जरूरत के मुताबिक, इथेनॉल उत्पादित किया जा सकता है. किसानों की आय भी इससे दोगुनी हो सकती है.
संस्थान निदेशक और शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष संजय अवस्थी ने कहा कि मक्के से भी इथेनॉल उत्पादन की प्रक्रिया की जा रही है, उन्होंने इसे और तेज करने को कहा. इससे पहले ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इथेनॉल उत्पादन की संवहनीयता’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण के सरकार के प्रयास को चीनी उद्योग के लिए गेम चेंजर बताया गया. गोष्ठी में इथेनॉल उत्पादन की क्षमता में वृद्धि और निवेश के लिए भी प्रोत्साहित किया गया.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी