ABC News: कानपुर देहात के रूरा के मड़ौली गांव में कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी की जिंदा जलने के मामले में घटना के करीब 23 घंटे के बाद शव उठाया जा सका है.
परिजन की मांग थी कि मुख्यमंत्री को गांव बुलाया जाए व जो आरोपित मुकदमे में नामजद किए जाएं उनकी गिरफ्तारी हो, तभी शव उठने दिया जाएगा. काफी मान मनौव्वल और लेखपाल तथा एसडीएम को हिरासत में लिए जाने के बाद गांव वाले शव हटाए जाने के लिए राजी हुए.
कानपुर देहात की अत्यंत दुःखद घटना के पीड़ित परिजनों से बात कर उन्हें हर संभव मदद दिए जाने एवं दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही कराये जाने हेतु आश्वस्त करते हुए अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। pic.twitter.com/YvqUX1L2Ev
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) February 14, 2023
वहीं, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से पूरे परिवार की बातचीत के बाद परिवार इस शर्त पर राजीव हुआ कि उनको मुख्यमंत्री से 1 सप्ताह के अंदर भेंट कराई जाएगी. शासन स्तर से एक-एक करोड़ की राहत दिलाई जाएगी. पीड़ित परिवार के समर्थन में बजरंग दल, विहिप, कांग्रेस, भीम आर्मी समेत कई संगठन आ गए हैं. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से बात की है, किसी भी दोषी को हम बख्शेंगे नहीं. प्रशासनिक अधिकारी हों या पुलिस के अधिकारी हों, कानपुर में झुग्गी झोपड़ी पर जाकर जिन लोगों ने ऐसा काम किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. जांच कमेटी की रिपोर्ट आज मिल जाएगी. वहीं, इस मामले में एसडीएम और लेखपाल को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है.
इन्हें किसी जगह रखा गया है अधिकारी अभी बता नहीं रहे हैं. मामले को गरमाते देख गांव जाने वाले सभी रास्ते को पुलिस ने रोक दिया है. किसी भी नेता या बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश से पहले भरपूर चेकिंग का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि आम आदमी को भी गांव में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, सभी रास्तों पर पुलिस तैनात है. वहीं, कानपुर देहात का यह मामला सियासी तौर पर काफी तूल पकड़ चुका है.