Kanpur: गरीबों की आवास योजना में घालमेल, डूडा में पकड़ा गया दलाल, डायरी में मिला करोड़ों का लेनदेन

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ABC News: (रिपोर्टः सुनील तिवारी) शासन की तरफ से गरीबों को आवंटित किए जाने वाले आवास में घालमेल का खुलासा हुआ है. यह खुलासा भी तब हुआ जब विकास भवन स्थित डूडा के कार्यालय में एक दलाल को पकड़ा गया. इस दलाल के पास से बैग में सैकड़ों फर्जी पट्टे, आवंटन पत्र, फर्जी शासकीय मोहरों के अलावा एक डायरी बरामद हुई है. जिसमें लाभार्थियों से करोड़ों के लेनदेन की डिटेल भी मिली है. मामला खुलने के बाद डूडा के परियोजना निदेशक ने इसकी जानकारी विधायक महेश त्रिवेदी और डीएम को दी. इसके बाद आरोपी युवक को नवाबगंज पुलिस के सुपुर्द किया गया है. माना जा रहा है कि इस पूरी धांधली के पीछे एक बड़ा गिरोह हो सकता है. बताया जा रहा है कि आरोपी युवक पिछले दो साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था और एक लाभार्थी से 40 से 50 हजार की वसूली करता था.

शासन की तरफ से गरीबों के लिए चलाई जा रही योजना के तहत आवासों का आवंटन डूडा की तरफ से होता है. शुक्रवार को डूडा के परियोजना निदेशक के पास कुछ लोग मिलने आए थे, इसके बाद जब वह लोग बाहर जाने लगे तो कार्यालय में मौजूद दो लोगों ने उन्हें रोक लिया. यहीं पर दोनों उनसे कुछ बातचीत करने लगे. डूडा के परियोजना अधिकारी तेज प्रताप ने बताया कि उनके विभाग का कर्मचारी दीपेंद्र सिंह जब गैलरी में गया तो देखा कि दो शख्स वहां पर कई लोगों से बातचीत कर रहे थे. इस पर उसे शक हुआ तो इन दोनों युवकों को बैग को खोलकर उसने देखा. जब बैग को देखा तो सभी के होश फाख्ता हो गए. युवक के बैग में आवास आवंटन के सैकड़ों फर्जी प्रपत्र के अलावा फर्जी पट्टे, मोहरें, लोगों के आधार और पैन कार्ड की फोटो कॉपी, बैंक की रसीदें आदि मिलीं.

इस पर एक युवक तो मौके से भाग गया लेकिन जो युवक पकड़ में आया, उसे परियोजना अधिकारी के पास लाया गया. आवास आवंटन योजना में धांधली का मामला सामने आने पर परियोजना अधिकारी ने डीएम विशाख जी को और विधायक महेश त्रिवेदी को इसकी जानकारी दी. परियोजना अधिकारी का कहना है कि इनके पास जो फर्जी आवंटन पत्र और पट्टे आदि मिले हैं, वह अधिकतर किदवईनगर विधानसभा से जुड़े हैं. इसलिए विधायक महेश त्रिवेदी को जानकारी दी गई. मौके पर पहुंचे विधायक ने जब पूछताछ की तो युवक ने अपना नाम शिवकटरा, लालबंगला निवासी योगेंद्र यादव बताया. इसके साथ जो शख्स था, उसका नाम राजेंद्र बताया. मौके से फरार होने के बाद राजेंद्र ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया.

डीएम की सूचना पर विकास भवन में नवाबगंज पुलिस भी पहुंच गई,, परियोजना अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में फर्जी पट्टे, शासन की फर्जी मोहरें कैसे बनवाईं, इसके बारे में पुलिस पूछताछ में सबकुछ सामने आएगा, वहीं विधायक महेश त्रिवेदी ने इसके पीछे बड़ा गिरोह होने की आशंका व्यक्त की है,, विधायक ने आशंका जताई है कि इसमें विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है,, परियोजना अधिकारी ने नवाबगंज थाना में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है.

 

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