कांनपुर मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टरों ने तीमादारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पुलिस बनीं तमाशबीन

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ABC NEWS: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) की इमरजेंसी में सर्जरी विभाग के जूनियर डाक्टरों ने हादसे में घायल महिला का इलाज करने के बजाए तीमारदारों की पिटाई कर दी. किसी तरह तीमारदार जान बचाकर बाहर भागे और यूपी-112 को जानकारी दी, लेकिन जूनियर डाक्टरों के भय से अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी. मामले में जीएसवीएम प्राचार्य ने जांच के लिए कमेटी बना दी है.

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला बताया कि इमरजेंसी में मारपीट की सूचना पर गए थे. हादसे में घायल मरीज के तीमारदार ने महिला जूनियर डाक्टर से इलाज को लेकर बहस करने लगे. जूनियर डाक्टर पर हाथ छोड़ा, जिससे नाराज जूनियर डाक्टरों ने तीमारदार की पिटाई कर दी.

हादसे में घायल महिला को लेकर आए थे अस्पताल

नौबस्ता निवासी 39 वर्षीय आनंद श्रीवास्तव पत्नी शालिनी के साथ बिल्हौर से घर आ रहे थे. संतुलन बिगड़ने से शालिनी बाइक से गिर गईं। डिवाइडर से सिर टकराने से गंभीर चोट लगने से खून बहने लगा. उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिल्हौर ले गए, जहां से हैलट के लिए रेफर कर दिया. आनंद ने पनकी निवासी रिश्तेदार मनु को फोन करके एलएलआर अस्पताल बुला लिया। उनके पहुंचने से पहले ही मनु अपने स्वजन के साथ पहुंच गए. एंबुलेंस से घायल शालिनी को उतारकर सीधे इमरजेंसी के अंदर ले गए.

इमरजेंसी में टांका लगाने के धागा न होने पर विवाद

मनु ने बताया कि जहां महिला जूनियर डाक्टर से सिर से बहते खून रोकने के लिए टांका लगाने का आग्रह करने लगे. उसका आरोप है कि डाक्टर ने टांका लगाने के बजाय तीन पर्चियां पकड़ाते हुए न्यू क्वालिटी मेडिकल स्टोर से सामान लाने के लिए कहने लगीं. इमरजेंसी में टांका लगाने का धागा न होने की बात पूछते ही डाक्टर भड़क गई और साथियों को बुलाकर गाली-गलौज करने लगी.

जब मनु ने विरोध किया तो जेआर, सुरक्षा गार्ड, सफाईकर्मी व नर्स मिलकर बेरहमी से पीटने लगे. भागने का प्रयास किया तो दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. घायल बहन व बहनोई ने बचाने का प्रयास किया तो उन्हें भी पीट दिया. किसी तरह वह जान बचाकर बाहर भागा. उधर, मारपीट की घटना के बाद बड़ी संख्या में जूनियर डाक्टर हास्टलों से इमरजेंसी पहुंच गए.

पुलिस भी बनी रही मूकदर्शक

मनु का आरोप है कि सूचना पर पुलिस आई, लेकिन अंदर नहीं गई बल्कि कहा कि जब इलाज चल रहा है तो हंगामा क्यों कर रहे हो. पुलिस को अपने व जीजा आनंद की पिटाई के निशान दिखाते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हंगामे की सूचना के बाद प्राचार्य प्रो. संजय काला व बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव वहां पहुंचे.

दिल के मरीज हैं आनंद

मनु ने बताया कि उसके जीजा आनंद दिल के मरीज हैं. उनका लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में इलाज चल रहा है. उनके तीनों वाल्व बदले गए हैं, फिर भी जूनियर डाक्टर उनकी बेरहमी से पिटाई करते रहे. उन्हें जरा सी भी दया नहीं आई.

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