कमलनाथ के घर के ऊपर लग गया ‘जय श्रीराम’… क्या भाजपा का झंडा थामने वाले हैं कांग्रेस के ये नाथ?

News

ABC NEWS: कमलनाथ के दिल्ली वाले घर पर ‘जय श्रीराम’ का झंडा दिखाई दे रहा है. कुछ समय पहले ही यह झंडा लगा है तो अटकलें तेज होना लाजिमी है. आमतौर पर कांग्रेस के नेता इस तरह के प्रदर्शन से बचते हैं. वे खुद को ‘सेक्युलर’ दिखाने की कोशिश ज्यादा करते हैं. ऐसे में चर्चा तेज हो गई है कि क्या कमलनाथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं? छिंदवाड़ा से भोपाल होते हुए दिल्ली तक यह सवाल दो दिन से पूछा जा रहा है? संजय और इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया-राहुल के साथ नाथ के रिश्ते याद किए जा रहे हैं. क्या मिलिंद देवड़ा, अशोक चव्हाण के बाद लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगने वाला है?

नेता तो ऐसा ही करते हैं जी!

हालांकि नाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा की मानें तो कमलनाथ एमपी में उम्मीदवारों के सिलेक्शन पर पूरा ध्यान दे रहे हैं. उनके बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं है. वैसे, पब्लिक जानती है कि नेता जब भी ऐसा फैसला लेते हैं तो कुछ घंटे पहले का माहौल अलग रहता है. नाथ से मिलने के बाद वर्मा ने बताया कि अपने घर में वह जाति समीकरण की चर्चा कर रहे थे जिससे एमपी की 29 सीटों पर कांग्रेस को मजबूत किया जा सके. हालांकि सवाल यह है कि अगर ऐसा है तो नाथ स्पष्ट रूप से खंडन क्यों नहीं करते?

कुछ घंटे पहले उन्होंने मीडिया से यह कहकर अटकलों को हवा दे दी थी कि कुछ होगा तो वह सबसे पहले उन्हें बताएंगे. इसका क्या मतलब है? सज्जन सिंह वर्मा कहते हैं कि मीडिया ने यह सवाल पैदा किया है इसलिए उन्होंने मना नहीं किया. दरअसल, एमपी का विधानसभा चुनाव कांग्रेस हारी तो इसके लिए कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया गया. बताते हैं कि चुनाव नतीजों के बाद राहुल और नाथ में कुछ नाराजगी भी रही. पार्टी के जीते विधायकों के साथ ग्रुप फोटोग्राफ के लिए राहुल राजी नहीं हुए. इससे कमलनाथ को शर्मिंदगी उठानी पड़ी.

दो दिन व्यस्त थी बीजेपी

हालांकि एमपी से राज्यसभा उम्मीदवार के लिए अशोक सिंह के नॉमिनेशन में कमलनाथ और गांधी परिवार में गंभीर चर्चा हुई थी. उधर, बीजेपी के सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कमलनाथ के आने को लेकर उच्च स्तर पर चर्चा नहीं हुई है. नाथ की भी पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कोई बातचीत नहीं हो सकी है क्योंकि दो दिन वे बीजेपी के अधिवेशन में व्यस्त थे.

क्या केवल एक ‘नाथ’ जाएंगे?

हां, इस बात की संभावना बढ़ रही है कि अगर गांधी परिवार से संबंधों के कारण कमलनाथ नहीं जाते हैं तो वह अपने बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ का टिकट सेफ कराते हुए भाजपा में शामिल करा सकते हैं. यह भी कांग्रेस के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी. कमलनाथ और उनके बेटे का अपनी पारंपरिक सीट पर काफी प्रभाव है और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए माहौल बनाने में एमपी में नाथ की जरूरत होगी.

छिंदवाड़ा एमपी की अकेली ऐसी सीट है, जहां 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीती थी. इधर, पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के भी भाजपा के संपर्क में होने की खबरें आने लगी हैं. कांग्रेस के लिए फिलहाल यह मुश्किल दौर है.

कमलनाथ गए तो MP में टूटेगी कांग्रेस

कमलनाथ को लेकर गहमागहमी पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के बयान से बढ़ी थी. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी हारी है लेकिन एमपी में केवल कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है… ऐसे में जनता चाहती है कि कमलनाथ को भाजपा में चले जाना चाहिए जिससे छिंदवाड़ा में विकास कार्य हो सके. जिस तरह से उन्हें पोस्ट से हटाया गया… हमारे ग्रुप में 11 सीनियर कांग्रेस नेता हैं. हमने तय किया है कि अगर हमें नजरअंदाज किया जाता है तो बीजेपी में जाना बेहतर होगा.

दिल्ली आ रहे नाथ सपोर्टर

MP के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नुकुल नाथ के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके समर्थक करीब छह विधायक रविवार को दिल्ली आ गए. कुछ और विधायक आने वाले हैं. इधर, कमलनाथ के समर्थक नेता सोशल मीडिया पर ‘जय श्री राम’ लिखने लिखे हैं. इससे अटकलों को बल मिल रहा है. एक संभावना यह भी है कि कमलनाथ कांग्रेस पर प्रेशर बना रहे हों जिससे लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट सिलेक्शन में उनकी चल सके.

उधर, एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी पार्टी में फूट रोकने के लिए जी जान से जुटे हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी कमलनाथ जी से बात हुई है. वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे. मीडिया में आ रही खबरें एक साजिश का हिस्सा हैं. क्या सही है क्या गलत, अगले 48 घंटों में साफ हो जाएगा.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media