ABC NEWS: नेपाल की राजधानी काठमांडू में ISI एजेंट की दौड़ा दौड़ा कर हत्या कर दी गई. लाल मोहम्मद उर्फ मोहम्मद दर्जी कार से अपने घर आया था, तभी अज्ञात हमलावरों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. लाल मोहम्मद को बचाने के लिए उसकी बेटी छत से कूद गई. लेकिन हमले में लाल मोहम्मद की मौत हो गई. यह वारदात भी सीसीटीवी में कैद हो गई. ISI के इशारे पर लाल मोहम्मद पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारतीय फेक करेंसी नेपाल मंगवा कर नेपाल से भारत में सप्लाई करवाता था. लाल मोहम्मद उर्फ मोहम्मद दर्जी भारत की करेंसी के जाली नोटों का बड़ा सप्लायर था. वह ISI एजेंट था. इतना ही नहीं वह डी गैंग के संपर्क में भी था. लाल मोहम्मद को ISI एक लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल करती थी. वह जाली नोटों के धंधे के अलावा ISI को उनके ऑपरेशन के लिए लॉजेस्टिक सप्लाई करना, ISI एजेंट्स को पनाह देने का काम करता था.
लाल मोहम्मद काठमांडू के कोठाटार इलाके में रहता था. 19 सितंबर को लाल मोहम्मद अपनी कार से घर आया था. जैसे ही वह कार से उतरकर घर में घुसने लगा, उस पर हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. लाल मोहम्मद गाड़ी की आड़ लेकर भागने लगता है. हमलावर दौड़ा कर उसे गोलियां मारते रहते हैं. इसी दौरान CCTV में दिखाई देता है की छत से एक महिला छलांग लगाकर नीचे कूदती है और हमलावरों की तरफ भागती है, लेकिन तब तक हमलावर अपने काम को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं.
10 साल की सजा काट चुका था मोहम्मद
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 4 जुलाई 2007 को काठमांडू के अनामनगर में जाली नोट कारोबारी पटुवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस हत्या के आरोप में लाल मोहम्मद को समेत नेपाल में डी कंपनी के शार्प शूटर मुन्ना खान उर्फ इल्ताफ हुसैन अंसारी को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने दोनों को ही दस साल कैद की सजा सुनाई थी.
लाल मोहम्मद के परिवार वालों का कहना है कि 7 जुलाई 2017 को वो जेल से रिहा होकर आया था. काठमांडू के ही गोठाटार में उसने गारमेंट का कारोबार शुरू किया था. पुलिस को आशंका है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के चलते गैंगवार में उसकी हत्या हुई है.